शिमला, 22 जनवरी। हिमाचल प्रदेश की सतारूढ़ कांग्रेस सरकार में लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह सोमवार को अयोध्या में आयोजित श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। वह इस समारोह का हिस्सा बनने वाले हिमाचल कांग्रेस के एकमात्र मंत्री रहे। विक्रमादित्य सिंह को अयोध्या में समारोह में शामिल होने का न्यौता मिला था। उनका प्राण प्रतिष्ठा में शिरकत करना पार्टी लाइन से हटकर उठाया गया कदम है। दरअसल कांग्रेस हाईकमान ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया था।
विक्रमादित्य सिंह रविवार को चंडीगढ़ से लखनउ पहुंचे और वहां उन्होंने उत्तर प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री जितिन प्रसाद से मुलाकात की थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने विक्रमादित्य सिंह को राज्य अतिथि घोषित किया था। विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को अपने फेबसुक पेज पर लिखा कि अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण हिमाचल के छह बार के मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के देव समाज व हिंदू धर्म के प्रति पूर्ण निष्ठा व अटूट विश्वास को देखते हुए उनके परिवार को दिया गया था। विक्रमादित्य सिंह ने आगे लिखा कि इस निमंत्रण का सम्मान और निर्वहन करना मेरे लिए पुत्र धर्म था। अंत में विक्रमादित्य सिंह लिखते हैं कि राम सबके हैं, राम सबमें हैं, जय श्री राम। इसी के साथ उन्होंने अयोध्या मंदिर की तस्वीरें भी सांझा की हैं।
बता दें कि विक्रमादित्य सिंह पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के सुपुत्र हैं। वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं। हिमाचल की राजनीति में वीरभद्र सिंह का बड़ा नाम रहा है। वीरभद्र सिंह ने कई मौकों पर स्नातन संस्कृति व देव आस्था के प्रति आस्था को दर्शाया था। मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए वह हिमाचल में धर्मांतरण पर रोक का कानून लाए थे। इस कानून को लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना था।