लोकसंगीत व गायन में धूम मचाने वाले शिमला के सोम दत्त बट्टू को पदम् श्री अवार्ड

शिमला, 26 जनवरी। संगीत के सेवानिवृत्त प्राध्यापक सोम दत्त बट्टू को कला के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान के लिए पदम् श्री अवार्ड के लिए चुना गया है। शिमला निवासी सोम दत्त बट्टू 86 वर्ष के हैं। वह लोकसंगीत व शास्त्रीय गायन में देश सहित विदेशों में भी धूम मचा चुके हैं।

भारत सरकार ने देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार-2024 की घोषणा कर दी है। इसके तहत 132 विभूतियों को पद्म श्री अवार्ड के लिए चुना गया। हिमाचल प्रदेश से इस सूची में एकमात्र सोम दत्त बट्टू का नाम है। उन्हें कला के क्षेत्र में ये अवार्ड मिला है। हिमाचली लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत में सोम दत्त बट्टू का उल्लेखनीय योगदान रहा है। नाटक, नृत्य, वादन एवं गायन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।

पटियाला घराने से ताल्लुक रखने वाले सोम दत्त बट्टू  शिमला के गांव होरी (ब्योलिया) के रहने वाले हैं।  इनका जन्म 5 जुलाई 1937 को जिला कांगड़ा के जसूर नामक स्थान में हुआ। वहां इनका ननिहाल है।  सोम दत्त बट्टू की आरंभिक संगीत शिक्षा घर से ही शुरू हुई है। इनके पिता पं. राम लाल बट्टू प्रसिद्ध श्याम चौरासी घराने से संबंधित कलाकार थे। पिता पं. राम लाल बट्टू पंजाब जिला जालंधर के नकोदर में कार्यरत थे जहां इनका बचपन गुजरा। आपनी संगीत यात्रा में सोम दत्त बट्टू ने ग्वालियर घराने के पं. कुञ्ज लाल शर्मा, पंजाब घराने के कर्म सिंह चक्रवर्ती तथा पटियाला घराने के मशहूर गायक उस्ताद आशिक अली खान के शिष्य पं. कुंदन लाल शर्मा से संगीत में तालीम हासिल की।

सोम दत्त बट्टू लगभग 36 वर्ष तक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में संगीत के प्राध्यापक के तौर पर सेवा देते हुए शिमला के कोटशेरा कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए। वह इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन, विदेश मंत्रालय भारत सरकार में हिंदुस्तानी संगीत समिति के सदस्य एवं उच्च कोटि के कलाकार रहे हैं। सोम दत्त बट्टू हिंदुस्तानी संगीत समिति के सदस्य के रुप में भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा यूएसए, यूके, नाईजीरिया, कीनिया, वेस्टइंडिज, पाकिस्तान आदि देशों में संगीत के कार्यक्रम किए हैं।

उन्हें संगीत के क्षेत्र में वर्ष 2016 में हिमाचल सरकार द्वारा ‘हिमाचल गौरव’, 2015 में पंजाबी युनिवर्सिटी पटियाला द्वारा ‘पंजाब संगीत रत्न अवार्ड’, 2012 में दिल्ली सरकार की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिला दिक्षित द्वारा ‘लाइफ टाइम एचीवमेंट एवार्ड, 1995 में डॉ. जसवंत सिंह अवार्ड तथा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन सहित विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। संगीत में उच्च कोटि की सेवा के लिए उन्हें  प्रतिष्ठित ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’  से भी नवाजा जा चुका है।

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