शिमला, 17 जनवरी । हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना आधिकारिक रूप से बहाल कर दी गई है। हिमाचल कैबिनेट में ओपीएस बहाली की घोषणा के तीन दिन बाद राज्य की सुखविंदर सिंह सूक्खु सरकार ने इस सम्बंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
सुक्खू सरकार ने मंगलवार को पुरानी पेंशन योजना को केवल संक्षेप में उल्लेख करते हुए अधिसूचित किया है कि नवीन अंशदायी पेंशन योजना यानी न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना में हालांकि यह नहीं बताया गया कि सरकार कब कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम से लाभान्वित करेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि विस्तृत योजना और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को बाद में अधिसूचित किया जाएगा।
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि पुरानी पेंशन योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए वित्त विभाग को शर्ते व एसओपी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। वित्त विभाग निर्धारित समय अवधि में पुरानी पेंशन योजना की शर्तें व एसओपी जारी करेगा।
बता दें कि बीते 13 जनवरी को सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकार सम्मेलन में ओपीएस को तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा करते हुए कहा था कि इस फैसले से राज्य सरकार के 1.36 लाख कर्मचारी लाभांवित होंगे।
मुख्यमंत्री के मुताबिक इस साल ओपीएस को लागू करने से राज्य सरकार पर 800 से 900 करोड़ का वितीय बोझ पड़ेगा। इसके लिए संसाधन जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि ओपीएस को बहाल करने में कई अड़चनें आई हैं, लेकिन सरकार ने दृढ़ संकल्प की बदौलत इस योजना को बहाल किया है। उन्होंने कहा कि छतीसगढ़ के ओपीएस बहाली का अध्ययन कर हिमाचल का नया फार्मूला बनाया गया है।
ओपीएस बहाली की घोषणा करने वाला हिमाचल प्रदेश पांचवा राज्य बन गया है। छत्तीसगढ़ ओपीएस बहाल करने वाला पहला राज्य था। उसके बाद झारखंड, राजस्थान और पंजाब ने भी पुरानी वेतन व्यवस्था पर लौटने की घोषणा की थी। हिमाचल की सुक्खू सरकार के इस फैसले से लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की काफी समय से मांग कर रहे थे।
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को वर्ष 2003 में बंद कर दिया गया था। इसे बहाल करने की मांग राज्य सरकार के कर्मचारियों की प्रमुख मांग में से एक रही है। हिमाचल के हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने वादा किया था कि अगर पार्टी हिमाचल में सत्ता में आई तो ओल्ड पेंशन सिस्टम को बहाल किया जाएगा। कांग्रेस ने इसे चुनाव के समय जारी पार्टी के प्रतिज्ञा पत्र में भी प्रमुखता से शामिल किया था।