शिमला, 11 मार्च। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से शूरू हुई सियासी उठा पटक में भले ही नरमाई नजर आ रही हो लेकिन इसके बाद से लगातार प्रदेश में सियासी बयानबाजी का दौरा जारी है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस के बागी विधायक प्रदेश सरकार पर लगातार तंज कस रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री सुक्खू भी अपनी जनसभाओं में बागी विधायकों पर निशाना साध रहे हैं। निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और बागी विधायक चैतन्य शर्मा के पिता पर एफआईआर के बाद भाजपा आगबबूला हो गई है।
प्रदेश भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बलबीर वर्मा ने सोमवार को शिमला में कहा कि कांग्रेस सरकार के लोग चुने हुए प्रतिनिधियों के प्रति जूठे केस बना रहे हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता बौखलाहट में आकर एक दूसरे पर अनाब शनाब बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस नेता इन एक दूसरे को जानवरों और जीव जंतुओं की संज्ञा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आज स्थिति पूरे देश में ऐसी है। पार्टी के सभी बड़े नेता कांग्रेस को छोड़कर जा रहे हैं। बलबीर वर्मा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुलाम नबी आजाद और रीता बहुगुणा जेसे नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी के सभी बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश में तीन कार्यकारी अध्यक्षों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए।
बलबीर वर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि सर्वोच्च पद पर बैठे मुख्यमंत्री अपने ही पार्टी के चुनाव प्रतिनिधियों को भेड़ बकरियों की संज्ञा देते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता और प्रदेश के चुने हुए प्रतिनिधियों का विश्वास खो बैठे हैं।
बलवीर वर्मा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सरकार और संगठन में ताल-मेल न होने की बात कहती हैं। कांग्रेस के लोग कुर्सी की लड़ाई में लगे हुए हैं और इसके चलते हिमाचल प्रदेश में विकास ठप हो गया है।
बलवीर वर्मा ने अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार जैसे ही अल्पमत में आई थी, तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपने चले गए, तब केवल एक वोट से सरकार तब गिरी थी। लेकिन हिमाचल प्रदेश में विधायकों को पिंजरे में बांधकर सरकार बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है।