शिमला, 13 मार्च । हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापठक के बाद सतारूढ़ कांग्रेस सरकार अपने विधायकों को अहम पदों पर तैनात कर रही है। इस कड़ी में शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया को विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। केवल सिंह पठानिया मुख्यमंत्री सुक्खू के करीबी माने जाते हैं। वह पहली बार के विधायक हैं। उन्होंने भाजपा मंत्री रही सरवीण चौेधरी को परास्त किया था। केवल सिंह पठानिया की नियुक्ति के साथ सुक्खू सरकार ने कांगड़ा जिला को एक और अहम पद दिया है। राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद सताधारी दल के कई विधायकों की पॉलिटिकल एडजेस्टमेंट को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे थे, जिसके बाद हिमाचल सरकार ने उन्हें विधानसभा में चीफ व्हिप यानि मुख्य सचेतक के पद पर नियुक्त किया है। केवल सिंह पठानिया की हिमाचल विधानसभा के तीसरे मुख्य सचेतक के रूप में तैनाती हुई है। इससे पहले पूर्व भाजपा सरकार में दिवंगत नरेंद्र बरागटा और विक्रम जरियाल मुख्य सचेतक रह चुके हैं।
विधानसभा सचिवालय ने बुधवार को केवल सिंह पठानिया की नियुक्ति की अधिसूचना की। मुख्य सचेतक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है। वर्तमान सरकार में कांगड़ा जिला में चंद्र कुमार और यादविंदर गोमा कैबिनेट मंत्री हैं। यादविंदर गोमा हाल ही में मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा विधायक रघुबीर बाली और भवानी सिंह पठानिया को भी सरकार ने कैबिनेट रैंक दे रखा है। रघुबीर बाली एचपीटीडीसी के अध्यक्ष तैनात हैं, तो भवानी सिंह पठानिया को योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष लगाया गया हैं। इससे पहले रामपुर के विधायक नंद लाल को राज्य वित आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। माना जा रहा है कि विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए सुक्खू सरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले निगमों व बोर्डों में और तैनातियां कर सकती है।