शिमला। गीता कपूर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त) और अजय सिंह, सीईओ, एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के साथ आज गांव नैहला, जिला बिलासपुर, हि.प्र. में एसजेवीएन के 15 मेगावाट नंगल फ्लोटिंग सोलर परियोजना और 18 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सोलर परियोजना स्थल का दौरा किया। इस अवसर पर एसजेवीएन, एसजीईएल और बीबीएमबी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
गीता कपूर ने नंगल जलाशय में 15 मेगावाट की नंगल फ्लोटिंग सौर परियोजना के पीवी मॉड्यूल ऐरी के प्रथम लॉन्च का उद्घाटन किया। इस लॉन्च में 57.225 किलोवाट की कुल क्षमता के 105 मॉड्यूल को जलाशय में उनके फाईनल स्थल पर स्थापित करना और इसे स्थायी मूरिंग और एंकरिंग सिस्टम से जोड़ना शामिल है। यह परियोजना अपनी तरह की एक अनूठी परियोजना है जिसे भाखड़ा बांध के डाउनस्ट्रीम में विकसित किया जा रहा है। यह वर्तमान में उत्तरी क्षेत्र में विकसित की जा रही सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना है।
एसजीईएल ने बीबीएमबी की ओर से एसईसीआई द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 15 मेगावाट की नंगल फ्लोटिंग सोलर परियोजना हासिल की है। एसजीईएल और बीबीएमबी के मध्य 3.26 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए और इसे सीईआरसी द्वारा स्वीकृत गया। यह परियोजना प्रथम वर्ष के दौरान लगभग 33 मिलियन यूनिट ऊर्जा और 25 वर्षों में लगभग 756 मिलियन यूनिट की संचयी ऊर्जा का उत्पादन करेगी। परियोजना स्थल से विद्युत का ट्रांसमिशन समर्पित ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से किया जाएगा जिसे बीबीएमबी द्वारा विकसित किया जा रहा है।
इस दौरे के दौरान, गीता कपूर और अखिलेश्वर सिंह ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के नैहला गांव में 18 मेगावाट की ग्राउंड माउंटेड सौर परियोजना का भूमि पूजन भी किया। यह परियोजना बीबीएमबी की ओर से पीईडीए द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से एसजीईएल द्वारा प्राप्त की गई थी। परियोजना के लिए एसजीईएल और बीबीएमबी के मध्य 2.63 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए। यह परियोजना चार अलग-अलग स्थानों पर बीबीएमबी के स्वामित्व वाली भूमि पर विकसित की जा रही है। कुल 16 मेगावाट के तीन स्थान पोंग बांध से सटे तलवाड़ा क्षेत्र में स्थित हैं और 2 मेगावाट नैहला गांव, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं।
यह परियोजना प्रथम वर्ष के दौरान लगभग 39.42 मिलियन यूनिट ऊर्जा और 25 वर्षों में लगभग 917 मिलियन यूनिट की संचयी ऊर्जा का उत्पादन करेगी। परियोजना स्थल से उत्पादित ऊर्जा का ट्रांसमिशन बीबीएमबी की समर्पित ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से किया जाएगा।