करसोग में भूकंप जैसी आपदा के संबंध में माॅक ड्रिल आयोजित


करसोग। कांगड़ा में 4 अप्रैल 1905 में भूकंप से भीषण त्रादसी की वर्षगांठ के मौके पर करसोग में माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया। उपमंडलीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस माॅक ड्रिल में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थितियों में बचाव व राहत के संबंध में उठाए जाने वाले विभिन्न कदमों की जानकारी प्रदान की गई।
एसडीएम करसोग के सभागार में इस संबंध में कार्यशाला भी आयोजित की गई। कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश फायर विभाग की ओर से करसोग स्थित लिडिंग फायर मैन कांशी राम ने रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित हो कर भूकंप सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय में उठाएं जाने वाले बचाव संबंधी कदमों की जानकारी जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में उपलब्ध राहत संसाधनों का उपयोग करते हुए राहत और बचाव कार्यों को अंजाम देना चाहिए। भूकंप आने की स्थिति में घायल लोगों को आपदा स्थल से सुरक्षित निकाल कर अस्पताल पहुचांना, बहुमंजिला इमारतों से फंसे लोगों को बाहर निकालना और भूकंप आने की स्थिति में बचाव के संबंध में उठाए जाने वाले विभिन्न कदमों और अन्य राहत कार्यो से अवगत करवाया।
उन्होंने कहा कि भूकंप आने की स्थिति में हमें बहुमंजिला इमारतों से निकलकर तुरंत बाहर खुले स्थान पर पंहुचना चाहिए। यदि इमारत से बाहर निकलना संभव न हो तो कमरे में ही मौजूद मजबूत टेबल, कुर्सी इत्यादी के नीचे छिप जाना चहिए। भूकंप के दौरान गलती से भी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने आपदा में घायल लोगों के बचाव के संबंध में 2 हैंडिड, 3 हैंडिड, 4 हैंडिड शीट बनाकर घायलों को बाहर निकालने के तरीके भी बताए।
उन्होंने कहा कि भूकंप से बचाव के लिए ऐसे कर्यक्रमों और माॅक ड्रिल का आयोजन किया जाता है ताकि लोग भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदा के प्रति जागरूक हो सके और ऐसी घटनाओं के दौरान होने वाले जान माल के नुकसान को कम किया जा सके।

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