आनंद शर्मा का रिकॉर्ड प्रदेशहित के मुद्दों को देते हैं तरजीह
शिमला। लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत हासिल करेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान मिल रहे जनसमर्थन से यह साबित हो चुका है कि जनता अब देश में बदलाव चाहती है। कांग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष हरिकृष्ण हिमराल ने कहा कि प्रदेश की चारों लोकसभा और विधानसभा की छह सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी भारी मतों से जीत हासिल करेंगे। प्रत्याशियों की जीत को लेकर जहां प्रदेश की जनता अपार स्नेह दे रही है तो वहीं पार्टी के कार्यकर्त्ता और पदाधिकारी भी जी तोड़ मेहनत कर पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं।
कांग्रेस को मिल रहे समर्थन से भाजपा के होश उड़ गए हैं। एक ओर देश की सबसे हॉट सीट मानी जा रही मंडी लोकसभा सीट पर भाजपा बैकफूट पर चली गई है तो दूसरी हॉट चंबा- कांगड़ा सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी व वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भाजपा की नींद हराम कर दी है। वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को मिल रहे समर्थन से भाजपा सकते में आ गई है।
हिमराल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चंबा -कांगड़ा सीट पर एक ऐसे प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। जिन्होंने पूर्व में केन्द्रीय मंत्री रहते हुए कांगड़ा चंबा में उद्योग लगाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आनंद शर्मा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं जिनके तजुर्बे का लाभ कांगड़ा- चंबा के साथ प्रदेश की जनता लेगी। उन्होंने कहा कि चार जून को जब केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार सत्ता में सरकार बनाएगी तो आनंद शर्मा पहले सांसद होंगे जो केंद्र में महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें वाणिज्य, उद्योग जैसे अहम मामलों का मंत्री बनाया गया था। वह 2004 से लगातार 2022 तक राज्यसभा के सदस्य बने रहे। आनंद शर्मा पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जैसा अहम दायित्व भी संभाल चुके हैं और लोकसभा व राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता रहे हैं। आनंद शर्मा हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं।
हिमराल ने कहा कि आनंद शर्मा ने भारत सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री रहते हुए कांगड़ा के लिए बहुत सारे प्रोजेक्ट लगाए थे। जिससे प्रदेश के लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ।
हिमराल ने कहा कि भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में, उन्होंने विनिर्माण में तेजी लाने और भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रमुख नीतिगत पहल की थी। आनंद शर्मा ने 2011 में भारत की पहली राष्ट्रीय विनिर्माण नीति (एनएमपी) बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसका उद्देश्य सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी को 16 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना और एक दशक में 100 मिलियन कुशल नौकरियों का सृजन करना था। इसे प्राप्त करने के लिए, नीति में ग्रीनफील्ड एकीकृत विनिर्माण शहरों की स्थापना की परिकल्पना की गई
राष्ट्रीय निवेश नीति के लिए जिम्मेदार मंत्री के रूप में, उन्होंने रक्षा और नागरिक उड्डयन सहित एफडीआई के लिए कई क्षेत्रों को खोलने का संचालन किया। भारत ने सिंगल ब्रांड रिटेल में 100% एफडीआई की अनुमति दी और मल्टी ब्रांड रिटेल को विदेशी निवेशकों के लिए खोल दिया। व्यापार और निवेश माहौल में सुधार के लिए ई-बिज़ परियोजना की संकल्पना की गई और उसे शुरू किया गया। आनंद शर्मा के पांच साल के कार्यकाल के दौरान एफडीआई के रूप में 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए।
हिमराल ने कहा कि आनंद शर्मा ऐसे व्यक्तित्व हैं जिन्हें प्रदेश की जनता सर आंखों पर बैठाकर एक जून को उनके पक्ष में मतदान कर सांसद के रूप में दिल्ली भेजेगी।