ऊना। ऊना सदर से विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने आज भाजपा के पार्टी कार्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू व हमीरपुर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा पर हिमाचल की जनता के पैसों की हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही चुनाव आयोग को अपना ग़लत हलफ़नामा देने की बात कही है।
सतपाल सत्ती ने कहा “ हिमाचल में चल रही कांग्रेस सरकार का नैतिक रूप से पतन हो चुका है। मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ साथ कांग्रेस का हर नेता हेराफेरी में लगा हुआ है। हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल राजज़ादा का अनैतिक कार्यों को करने का एक लंबा इतिहास है। लेकिन सुक्खू और रायज़ादा की मिलीभगत से जनता के मेहनत की कमाई की एक बड़ी हेराफेरी का मामला सामने आया है। सुक्खू ने अपने दोस्त सतपाल राजज़ादा
के 6 करोड़ रुपये का लोन जोकि काँगड़ा कोऑपरेटिव बैंक में था उसे ज़ीरो कर दिया है। काँगड़ा बैंक की ऊना की शाखा 00013 नंबर शाखा से सतपाल रायजादा का 6,53,13,939 रुपये का लोन ज़ीरो किया गया है। सतपाल रायजादा ने बिना पैसे दिये इतने बड़े लोन अमाउंट को ज़ीरो करा लिया है, यह सरासर जनता के हितों के साथ खिलवाड़ तो है ही साथ ही काँगड़ा बैंक की माली हालत को और जोखिम में डालने वाली घटना है।
सतपाल सत्ती ने कहा “ प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार सतपाल रायजादा ने अपने 2022 के विधानसभा चुनाव के हलफ़नामे में बताया था कि उनके ऊपर 5 करोड़ 97 लाख का लोन है। मगर इस बार लोकसभा में चुनाव आयोग को दिये हलफ़नामे में उस लोन को इन्होंने निल दिखाया है, मतलब यह लोन ग़ायब है। कहीं उस लोन का ज़िक्र तक नहीं है। आज सुबह राजजादा के एक इंटरव्यू में मैंने सुना जिसमें उन्होंने कहा ये पुराना लोन उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बेच कर और दोस्तों से उधार लेकर चुकता कर दिया। बेसिक सी समझ रखने वाले को भी पता है कि हलफ़माने में ये जानकारी देनी अनिवार्य होती है कि लोन अगर चुकाया तो कैसे चुकाया और उसका पूरा ब्यौरा देना होता है। रायजादा ने अपने हलफ़नामे में ये जानकारी छुपाई है। यह किसी बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। सुक्खू ने अपने पद का दुरुपयोग कर 5 दिसंबर 2023 को रायज़ाद का यह लोन माफ़ किया। आख़िर सुक्खू और रायज़ादा में ऐसी क्या साँठ-गाँठ बनी कि इन्होंने काँगड़ा बैंक को 6 करोड़ का चूना लगा दिया। सुक्खू अपनी दी गारंटी के हिसाब से हमारी बहन बेटियों को 1500 रुपये महीना तो दे नहीं पा रहे लेकिन अपने दोस्तों के करोड़ों के लोन माफ़ कराते घूम रहे हैं। ये सुक्खू और रायजादा का लोन घोटाला है जिसमें ये दोनों रंगे हाथ पकड़े गये हैं”
सत्ती ने कहा “ हलफ़नामे के हिसाब से रायज़ादा की प्रॉपर्टी बढ़ गई लेकिन उनके बयानों में उनकी आय घट गई और लोन ग़ायब हो गया, ये कैसे संभव है? क्या मुख्यमंत्री और रायज़ाद जनता को मूर्ख समझते हैं। आख़िर रायज़ादा ने झूठ क्यों बोला? सुक्खू ने अपने पद का दुरुपयोग क्यों किया? ऐसी क्या मजबूरी थी कि काँगड़ा बैंक को डुबाना ज़रूरी था? यह एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है? आख़िर इसमें सुक्खू का क्या निजी लाभ था ये भी मुख्यमंत्री बताएँ ? क्या सुक्ख़ू काँगड़ा बैंक से लोन लिए सभी हिमाचली भाइयों-बहनों का लोन माफ़ करेंगे? हिमाचल की भोली-भाली जनता के मेहनत की गाढ़ी कमाई पर क्यों डाका डाला गया?