शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 31 मई को भी जारी रहेगी। मामले के सभी पक्षकारों की ओर से मामले में बहस हो रही है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष इन याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। सरकार की ओर से दलील दी गई है कि याचिकाकर्त्ताओं की पार्टी की सरकार के समय भी सीपीएस नियुक्त हुए थे और अब जब जनता ने इनको सरकार बनाने से वंचित किया तो इस सरकार की नियुक्तियों को चुनौती देने लगे।
प्रार्थियों की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है इसलिए इनके द्वारा किया गया कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं इनके द्वारा गैर-कानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए। प्रार्थियों की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा गया था कि इन्हें एक पल के लिए भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।
इस मामले पर अब राज्य सरकार की ओर बहस जारी है। सरकार का कहना है कि कानून के तहत सीपीएस की नियुक्तियां की गई हैं और सरकार इस बाबत कानून बनाने की संवैधानिक शक्तियां रखती है।