हिमाचल प्रदेश की सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचने से जुड़े केस में हमीरपुर से पूर्व निर्दलीय विधायक आज शनिवार को शिमला बालूगंज थाना में पुलिस के सामने पेश हुए। थाना में पुलिस ने उनसे करीब दो घंटे पूछताछ की। आशीष शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा।कांग्रेस के छह बागी विधायकों के फाइव-सेवन स्टार होटल में ठहरने, खाने-पीने और हेलिकॉप्टर से उन्हें ले जाने का इंतजाम किया। इस मामले में आशीष शर्मा के साथ गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ भी बीते 10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में मामला दर्ज है।आशीष शर्मा आज तीसरी बार बालूगंज पुलिस के सामने पेश हुए। हालांकि उन्हें बीते 13 और 18 जून को भी बालूगंज बुलाया गया था। मगर तब वह नहीं आए। इसी केस में चार दिन पहले हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहाकार तरुण भंडारी भी शिमला पुलिस के सामने हाजिर हुए थे।
आशीष शर्मा ने कहा कि आज वह बालूगंज थाना पहुंचे और पुलिस के हर सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव को 18 दिन शेष बचे हैं इसलिए उन्होंने पुलिस से आग्रह किया है कि जो भी पूछताछ करनी है उसके लिए 10 जुलाई के बाद बुलाया जाए, क्योंकि उपचुनाव की वजह से उनके लिए यह समय कीमती है
आशीष शर्मा ने कहा कि इस सरकार में विधायकों के ऊपर झूठी एफआईआर की जा रही है। परिवार और साथ जुड़े लोगों को परेशान किया जा रहा है। प्रशासन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
वहीं आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री के खनन माफिया के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश में आज सबसे बड़ा खनन माफिया सीएम सुक्खू के भाई है। सरकार बनते ही सरकार में माइनिंग पॉलिसी को बदल डाला। कैप्टिव यूज में सगे भाई को परमिशन दी। उसके लिए सारी पॉलिसी चेंज की गई। पूरी ब्यास नदी में दिन-रात खनन चला हुआ है।