वस्त्र विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए उद्योग को हब और स्पोक मॉडल में काम करना चाहिए: वस्त्र मंत्री

केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने आज यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में 71वें भारत अंतर्राष्ट्रीय परिधान मेले (आईआईजीएफ) का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में केन्द्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आईआईजीएफ सूक्ष्म, लघु और मध्यम निर्यातकों के लिए एक अभिनव विपणन मंच प्रदान करता है, जो भारत के नवीनतम रुझानों और विविध पेशकशों को दुनिया के बाकी हिस्सों के सामने प्रदर्शित करता है। श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के “मेक इन इंडिया” के विजन को साकार करने के लिए विश्वस्तरीय विनिर्माण सुविधाओं का विकास करना आवश्यक है, जिसमें मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक स्तर पर “ज़ीरो इफेक्ट: ज़ीरो डिफेक्ट” हो।

गिरिराज सिंह ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने के लिए ‘हब और स्पोक’ मॉडल को अपनाने का आह्वान किया, उद्योग सहयोग को प्रोत्साहित किया और भारतीय ब्रांडों की स्थापना के महत्व को रेखांकित किया। मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत पार्क बनाने के लिए एकीकृत वस्त्र पार्क (एसआईटीपी) योजना को पुनर्जीवित करने के लिए भी तैयार है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि, “आज, भारत 7.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और 2027-28 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।” विकासोन्मुखी राजनीतिक प्रतिष्ठान के साथ सकारात्मक घरेलू दृष्टिकोण के बल पर भारत में व्यापार के लिए अनुकूल इको-सिस्टम उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा अवसंरचना क्षेत्र को बढ़ाने और व्यापार सुगमता के लिए कई उपाय किए गए हैं।

इसके अलावा मंत्री महोदय ने वस्त्र उद्योग जगत से कहा कि भारतीय परिधान और वस्त्र बाजार का आकार 165 बिलियन अमरीकी डॉलर है, जिसे 350 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचना है; यह एक लक्ष्य है, जिसे आपकी सहमति से तय किया गया है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इसे 2030 तक 50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक ले जाएं। प्रधानमंत्री ने तकनीकी फाइबर और जियो टेक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप बनाया है, जो विकास के लिए बड़े विकल्प प्रदान कर रहा है।

गिरिराज सिंह ने कहा, “मेरा कहना है कि मेरी चुनौती बांग्लादेश नहीं है। मैं आने वाले समय में चीन से आगे निकलना चाहूंगा। बांग्लादेश में पानी और कच्चे माल का खर्च बढ़ रहा है। हम आरएमजी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत में छोटे खिलाड़ियों के लिए छोटे क्लस्टर बनाएंगे।”

वस्‍त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिधान क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के विस्तार की घोषणा की। भारत अंतर्राष्ट्रीय परिधान मेले को संबोधित करते हुए सिंह ने जोर दिया कि टेक्सटाइल पार्कों को नया रूप देना और ग्रीन टेक्सटाइल को बढ़ावा देना हमारा फोकस होगा।

एईपीसी के अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों ने भारतीय परिधान निर्यात को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। लेकिन इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, भारतीय परिधान निर्यात उद्योग अपनी स्थिति बनाए रखने और नुकसान को काफी हद तक कम करने में सक्षम रहा।”

महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय परिधान निर्यातकों के लिए विकसित देशों में अपना विस्तार करने की अधिक संभावना है। भारतीय परिधान उद्योग को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और बड़े सपने देखने चाहिए।

25 और 26 जून 2024 को ज्ञान सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें विभिन्न विषयों को शामिल किया जाएगा, जैसे वैश्विक व्यापार की पड़ताल करना: उद्योग के लिए चुनौतियां और अवसर, दक्षता लाभ: विनिर्माण को बढ़ावा देना -परिधान और सतत फैशन में उत्कृष्टता: अवधारणा से वास्तविकता तक।

यह मेला परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय परिधान मेला संघ (आईजीएफए) के माध्यम से भारत के तीन प्रमुख परिधान परिसंघों, भारतीय वस्त्र निर्माता संघ (सीएमएआई), परिधान निर्यातक एवं विनिर्माण संघ (जीईएमए) और राजस्थान परिधान निर्यातक संघ (जीईएआर) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जो इन परिसंघों द्वारा बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बनाई गई सामूहिक भावना, टीम वर्क और तालमेल का प्रमाण है। इस आयोजन में 50 देशों के 600 से अधिक खरीदारों ने भाग लिया। 71वें संस्करण में 25 से 27 जून 2024 तक हर दिन दो फैशन शो भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें शो के दौरान प्रदर्शित किए गए सर्वश्रेष्ठ संग्रह प्रदर्शित किए जाएंगे।

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