शिमला| प्रदेश की मंडियों में स्टोन फ्रूट का दौर अब खत्म होने की कगार पर है, जिसके बाद यहां सेब की आमद हो जाएगी। अभी सीए स्टोर में रखा हुआ सेब मंडियों में पहुंच रहा है, लेकिन सीधे बागीचों से आने वाले सेब की दस्तक 15 जुलाई के बाद मानी जा रही है। इसे देखते हुए प्रदेश के बागबानी विभाग और विपणन बोर्ड ने अपनी तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। सभी एजेंसियों के साथ इस संबंध में चर्चा हो चुकी है और कहा गया है कि सीजन के दौरान किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। प्रदेश के मार्केटिंग बोर्ड ने अपनी मंडियों में आधारभूत सुविधाओं को जुटाने के लिए काम चला रखा है। इनका काम लगभग पूरा हो चुका है। बागबानों और आढ़तियों की ओर से जो सुझाव विपणन बोर्ड को मिले थे उनको लेकर यहां काम किया गया है। सभी फल मंडियों में बिजली, पानी व सीवरेज की व्यवस्था को नए सिरे से तैयार किया गया है।
खासकर नई मंडियों में इन जरूरतों पर पहले से ध्यान दिया गया है क्योंकि अब विपणन बोर्ड ने आधुनिक मंडियों को तैयार किया है। अमूमन मंडियों में आढ़तियों व यहां आने वाले बागबानों की आधारभूत सुविधाओं को लेकर शिकायतें रहती हैं। इन शिकायतों को बागबानी मंत्री से भी बार-बार उठाया जाता रहा है। पिछले दिनों बागबानों के साथ बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बैठक की थी और उस बैठक में कई मुद्दों को उठाया गया। इसपर अब विपणन बोर्ड ने सभी सुविधाओं को दुरूस्त कर दिया है।
मंडी-कुल्लू की मंडियों पर जोर
इस बार भी मंडी व कुल्लू की मंडियों को लेकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने पर ज्यादा जोर दिया है। क्योंकि पिछले सेब सीजन में कुल्लू के बागबानों का सेब मंडी तक पहुंचाने में काफी ज्यादा दिक्कत हुई थी। तब खासकर बरसात उफान पर रही और सडक़ें टूट गई थीं। इस बार ऐसी न हो इसके लिए भी जल्दी ही लोक निर्माण विभाग के साथ बैठकें होंगी और सीजन के लिए सरकार अपनी तैयारियां पूरा करेगी। वैसे अब सेब सीजन शुरू होने में ज्यादा दिनों की देरी नहीं है।