राजनीति में दादागिरी और नेतागिरी साथ साथ नही चल सकती
सोलन, भाजपा प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन ने नालागढ़ में हर घर संपर्क अभियान में भाग लिया और उसके उपरांत एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कांग्रेस के प्रत्याशी दादागिरी कर चुनाव लड़ रहे है। भाजपा का सपष्ट मानना है की राजनीति में दादागिरी और नेतागिरी साथ साथ नही चल सकती। एसे कांग्रेस के नेते को जनता आने वाली 10 जुलाई को उखाड़ फेंकेंगी।
टंडन ने कहा कि वोट प्यार, सम्मान के साथ मांगा जाता। मतदान मत का दान है, जो हाथ फैला कर मांगना चाहिए, पर काग्रेस प्रत्याशी और उनके परिवारजन की शैली दादागीरी वाली है। कांग्रेस के नेता ने अपनी बैठक में वह कहते है की, “जो व्यक्ती भाजपा के साथ काम कर रहा है वो हमारे रेडार पर है। हम उस व्यक्ती को चुनाव के बाद देख लेंगे।”
उन्होंने कहा कि नालागढ़ में भाजपा के कार्यकर्ताओं और जनता जो भाजपा के साथ चलने का प्रयास कर रही है, उनको सरेआम धमकियां मिल रही है। छोटे व्यपारियों, दुकानदारों के चलान काटे जा रहे है। तीन हफ्ते के छोटे से कार्यकाल में 3 उपचुनावों वाले विधानसभा क्षेत्रों में 1000 से ज्यादा चालान सरकार द्वारा कटना हिमाचल में तानाशाही सरकार के मज़बूत प्रमाण है। इंस्पेक्टर राज हावी है, चुनाव एजेंसी और अफरों आंखें मूंद कर बैठे हैं, एसा हमने कभी भी किसी भी चुनाव मे नहीं देखा। सरकारी कर्मचारियों को ट्रांसफर की धमकियां आ रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू की सरकार दिसंबर 2022 में बनती है और अगस्त 2023 में माइनिंग पॉलिसी को बदल दिया गया। इस कांग्रेस सरकार से हम सवाल करते है का ऐसा क्या कारण रहा की आपने इस पोलिसी में बदलाव किया ? सभी क्रशर बंद कर आपने अपने सगे भाई को फायदा क्यों पहुंचाया? किस तरीके से अपने मित्रों और परिवारजनों को लाभ पहुंचाया ?
हालही में बद्दी मे कुछ कंपनियों को धारा 118 के अंतरगत लाभ पहुंचाया गया, हम मुख्यमंत्री से पूछना चहाते है की एसे क्या कारण है, जो आपको कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मजबूर कर देते हैं? यह सस्कार मज़बूत नहीं बल्कि एक मजबूर सरकार है, जिसमें चुने हुए प्रतिनिधियों और जनता की कोई सुवाई नहीं है।