शिक्षकों, बच्चों की रियल टाइम अटेंडेंस “स्मार्ट उपस्थिति” एप से सुनिश्चित करेंः राजेश शर्मा


समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने स्कूलों में स्मार्ट उपस्थिति पर फीडबैक ली

शिमला। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की “स्मार्ट उपस्थिति” एप पर रियल टाइम उपस्थिति सुनिश्चित करें। राजेश शर्मा ने आज स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की रियल टाइम अटेंडेंस प्रक्रिया पर फीडबैक को लेकर विद्या समीक्षा केंद्र के अधिकारियों के साथ एक बैठक ली। इस बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत सिंह, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा संजीव सूद, अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीआर शर्मा सहित जिलों के उप निदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, समग्र शिक्षा निदेशालय के नोडल अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस मौके पर समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा कहा कि प्रदेश में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालयों के दिशा निर्देशों के मुताबिक सभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की रियल टाइम अटेंडेंस लेना जरूरी है। इसके लिये विद्या समीक्षा केंद्र ने “स्मार्ट उपस्थिति” मोबाइल एप लांच कर रखी है। इसके माध्यम से सभी स्कूलों को अपने शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति रियल टाइम देना अनिवार्य बनाया जा रहा है। इसके लिए विद्या समीक्षा केंद्र ने राज्य, जिला स्तर पर डैशबोर्ड तैयार के हैं जिसमें स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का डाटा राज्य, जिला स्तर पर ऑनलाइन अधिकारी देख सकते हैं। राजेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों की “स्मार्ट उपस्थिति” एप के माध्यम से सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कदम उठाएं।
बैठक में विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से बताया गया कि प्रदेश के स्कूलों में अभी शिक्षकों की उपस्थिति “स्मार्ट उपस्थिति” के माध्यम से लगाई जा रही है। इस दौरान विद्या समीक्षा केंद्र के अधिकारियों की ओर से शिक्षकों की उपस्थिति का डाटा भी लाइव प्रेजेंट किया गया। इन दिनों समर क्लोजिंग स्कूलों में वोकेशन है जिस कारण पूरे प्रदेश में शिक्षकों की उपस्थिति डैश बोर्ड पर ज्यादा नहीं दिख रही। इन दिनों विंटर स्कूलों में ही शिक्षक इस ऐप का इस्तेमाल कर अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।

बच्चों की भी स्कूलों में लगेगी “स्मार्ट उपस्थिति” एप से हाजिरी
प्रदेश में स्कूली बच्चों की हाजिरी भी “स्मार्ट उपस्थिति” एप से लगाई जाएगी। इसके लिए स्कूली बच्चों का डाटा यू-डाइस (U-DISE -Unified District Information System for Education) पर अपडेट किया जा रहा है। प्रदेश में निजी स्कूलों सहित करीब 14 लाख बच्चों का डाटा इस पर अपलोड किया जाएगा, जिसमें से 9 लाख बच्चों डाटा अपडेट हो चुका है। बाकी बच्चों का डाटा भी इसी माह के अंत तक अपलोड कर दिया जाएगा। राजेश शर्मा ने विद्या समीक्षा केंद्र, जिलों के उपनिदेशकों से कहा कि वे बच्चों के डाटा अपडेशन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरा करें ताकि इनकी रियल टाइम उपस्थिति “स्मार्ट उपस्थिति” एप पर लगे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के स्कूलों में अगले माह से बच्चों की भी स्मार्ट उपस्थिति लगनी शुरू हो जाएगी।

समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि इसी तरह की बैठक जिला स्तर पर भी की जाएंगी। जिला स्तर पर कार्यशालाएं भी लगाई जाएंगी जिससे कि इसमें आ रही तकनीकी समस्याओं का हल किया जा सके।
राजेश शर्मा ने कहा कि अब प्रदेश में शिक्षकों की ट्रांसफर और छात्रों की माइग्रेशन का डाटा भी यू-डाइस (U-DISE) पर अपडेट होने लगेगा। इसके लिए एमआईएस को यू-डाइस (U-DISE) से लिंक किया जा रहा है। इससे यू-डाइस (U-DISE) और एमआईएस डाटा के अंतर को भी खत्म किया जा सकेगा क्योंकि भारत सरकार यू-डाइस (U-DISE) के आधार पर ही आंकता है। एमआईएस की एक्सेस शिक्षकों के पास रहेगी से कि इससे वे यह भी देख पाएंगे कि यू-डाइस (U-DISE) पर उनके स्कूलों से संबंधित डाटा कितना सही है।
बच्चों के मूल्यांकन का डाटा अपडेट करने के भी दिए निर्देश
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने विद्या समीक्षा केंद्र द्वारा पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों के लर्निंग लेवल का मूल्यांकन संबंधी डाटा अपडेट करने के निर्देश भी जिला उप निदेशकों और जिला कार्यक्रम अधिकारियों को दिए। विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से कुछ समय निपुण प्रगति चैटबॉट लांच किए गए थे जिनके माध्यम से कक्षा एक व दूसरी के बच्चों की लर्निंग लेवल का ऑनलाइन मूल्यांकन किया जा रहा है।
राजेश शर्मा ने कहा कि अगर किसी को कोई तकनीकी दिक्कत इसमें आ रही हैं वो विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से तकनीकी सहायता इसका समाधान किया जाएगा।
बैठक में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि जिला और खंड स्तर पर शिक्षा विभाग में कार्यरत स्टाफ की स्मार्ट उपस्थिति का प्रावधान भी किया जाना चाहिए। इस बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डा अमरजीत सिंह, संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीआर शर्मा ने भी कई सुझाव व निर्देश दिए।

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