शिमला, 31 मार्च। हिमाचल के अन-कनेक्टिड गांवों को 4जी सुविधा से जोड़ने की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की बजट घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। ऐसे गांवों में विश्वसनीय 4जी सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
समझौता ज्ञापन पर निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी मुकेश रेपस्वाल और बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक चरण सिंह ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक जे.एस. सहोता, बीएसएनएल और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य के असंबद्ध गांवों में कनेक्टिविटी के लिए भारत सरकार को एक परियोजना का प्रस्ताव भेजा था और इसके लिए 50 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
इस परियोजना के लिए बीएसएनएल को कार्यकारी एजेंसी के रूप में चयनित किया गया था। अब एमओयू पर हस्ताक्षर होने के उपरांत बीएसएनएल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए किन्नौर, लाहौल-स्पिति, पांगी और राज्य के अन्य जिलों के दूरदराज क्षेत्रों को जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने और टेलीकॉम टावर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस परियोजना के दिसंबर, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। राज्य में कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए मोबाइल टावरों के साथ लगभग 500 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने बताया कि सुनिश्चित और विश्वसनीय कनेक्टिविटी की सुविधा प्राप्त होने से स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में की जा रही विभिन्न डिजिटल पहलों के विस्तार में मदद मिलेगी और राज्य के लोगों को बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
उन्होंने कहा कि 4जी दूरसंचार नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण से भविष्य में राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में 5जी सेवाएं प्रदान करने में भी मदद मिलेगी। इससे जीवन की गुणवत्ता और सेवा वितरण के लिए क्षमताओं में भी सुधार होगा।