शिमला, 29 अगस्त। बहुचर्चित छात्रवृति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। जानकारी अनुसार ईडी ने इस मामले केा लेकर शिमला और मंडी सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों के शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में छापे मारे और रिकार्ड खंगाला। दरअसल कई शैक्षणिक संस्थानों ने अयोग्य उम्मीदवारों के नाम गैरकानूनी तरीके से छात्रवृति का लाभ उठाया है। छात्रवृति मामले में सीबीआई भी शैक्षणिक संस्थानों पर छापे मार चुकी है।
बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने लंबी जांच और करीब 26 से ज्यादा शिक्षण संस्थानों का रिकॉर्ड चेक करने के बाद बीते वर्ष सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें प्रदेश शिक्षा विभाग के अधीक्षक सहित अन्य आरोपी शामिल हैं। इन सभी की संलिप्तता जांच के दौरान मिली है। यानी शिक्षा विभाग से लेकर बैंक और निजी शिक्षण संस्थान सारे फ्रॉड के नेटवर्क का हिस्सा थे। चौंकाने वाली बात यह है कि छात्रवृत्ति घोटाला देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। इसके अलावा कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी इसमें शामिल हैं। शिक्षा विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि कई निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धनराशि का गबन किया है। दरअसल साल 2013-14 से लेकर 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। जांच रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला। हिमाचल की पूर्व भाजपा सरकार बनने के बाद पूर्व शिक्षा सचिव डॉ. अरुण शर्मा ने इसे पकड़ा और राज्य सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपी।