ऊना। ऊना जिले में 1425 करोड़ रुपये से पेयजल-सिंचाई और सीवरेज सुविधा चकाचक होगी। इसमें करीब 975 करोड़ रुपये की लागत की 154 परियोजनाओं के काम तेज गति से चल रहे हैं, वहीं 450 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाओं के नए काम जल्द आरंभ होंगे। जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने गुरुवार को ऊना जिले का दौरा कर विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। अंजू शर्मा ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में निर्माणाधीन प्रत्येक विकास परियोजना की प्रगति की बिंदुवार समीक्षा की और कार्यों को तेजी से पूरा करने को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान अधीक्षण अभियंता नरेश धीमान समेत विभाग के सभी अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रमुख अभियंता ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय का जिम्मा देख रहे उपमुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री के निर्देशानुसार लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में प्रत्येक जिले में पेयजल-सिंचाई और सीवरेज सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में जलशक्ति विभाग ऊना जिले में बन रही विभिन्न परियोजनाओं के कार्य को समयबद्ध पूरा करने तथा आगे प्रस्तावित योजनाओं को जल्द से जल्द आरंभ करने के लिए प्रयासरत है।
प्रमुख अभियंता ने किया फील्ड विजिट
बैठक के बाद अंजू शर्मा ने बाथू-बाथड़ी का दौरा कर वहां बीते रविवार आई बाढ़ से पेयजल योजना को हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने पंजावर में 7.22 करोड़ रुपये से सरनाला के तटीकरण कार्य, अठवाईं में 3.35 करोड़ से खड्ड के तटीकरण और खड्ड गांव में 6.90 करोड़ से किए जा रहे तटीकरण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने पीजीआई सेटेलाइट सेंटर और बल्क ड्रग पार्क परियोजना के तहत बालीबाल में बन रहे प्रशासनिक भवन के लिए पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने की परियोजनाओं की प्रगति भी देखी। उन्होंने रामपुर मंे 3.26 करोड़ से बन रहे जलशक्ति विभाग के सर्किल कार्यालय भवन तथा 6.21 करोड़ रुपये से हरोली में निर्माणाधीन विश्राम गृह के कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने पूबोवाल में 2 करोड़ रुपये की लागत से सरोवर के सौंदर्यकरण कार्य का जायजा भी लिया।
विकास की तेज रफ्तार
अंजू शर्मा ने बताया कि ऊना जिले में पेयजल सुविधा को बेहतर बनाने के लिए लगभग 498 करोड़ की 48 परियोजनाओं के काम चल रहे हैं। इनमें 245 करोड़ रुपये खर्चे जा चुके हैं। वहीं एडीबी के सहयोग से 140 करोड़ रुपये की लागत की पेयजल की 19 परियोजनाओं का काम किया जा रहा है। इसके अलावा अमराली में 25 लाख लीटर क्षमता के जल भंडारण टैंक का बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिले में किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए 187.34 करोड़ की 61 परियोजनाओं के काम तेज गति से चल रहे हैं। इनमें अब तक 70 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। इसके अलावा 120 करोड़ रुपये की दो प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं बीत क्षेत्र और कुटलैहड़ चरण-दो केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि करीब 90 करोड़ रुपये व्यय करके भिबौर साहिब की लिफ्ट सिंचाई योजना के विस्तार, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण का कार्य प्रस्तावित है।
इसके अतिरिक्त 79.61 करोड़ रुपये से हरोली क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न पंचायतों में उठाऊ सिंचाई परियोजना और 21.98 करोड़ रुपये की लागत से हरोली के पंड़ोगा क्षेत्र में उठाऊ सिंचाई परियोजना का कार्य प्रस्तावित है। बंगाणा के तहत ग्राम पंचायत लठियाणी, बुढान और ढुंगली के विभिन्न गांवों के लिए गोविंद सागर झील से लिफ्ट सिंचाई योजना के लिए 29.44 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। 23.13 करोड़ रुपये खर्च करके अंब क्षेत्र में 8 खड्डो ं- पलोह सूरी खड्ड, सूरी रपोह खड्ड, अंब टिल्ला खड्ड, रपोह खड्ड, जवार खड्ड, घुमन खड्ड, कुरलुही खड्ड और सोहारी टकोली खड्ड पर सिंचाई जल वितरण प्रणाली को सुदृढ़ किया जाएगा। अम्ब गांव में कृषि भूमि, संपत्ति और आबादी की सुरक्षा के लिए बाढ़ नियंत्रण कार्यों पर 7.30 करोड़ रुपये तथा गांव बदायूं में कृषि भूमि, संपत्ति और आबादी की सुरक्षा के लिए 4.66 करोड़ रुपये बाढ़ नियंत्रण कार्यों पर व्यय किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 60.44 करोड़ रुपये लगात से जिले में 5 सीवरेज योजनाओं का काम किया जा रहा है। इनमें ऊना, संतोषगढ़, मैहतपुर, गगरेट और चिंतपूर्णी में सीवरेज प्रणाली का काम किया जा रहा है। अब तक इसमें 50.73 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। वहीं, 76.82 करोड़ रुपये की संतोषगढ़ शहर और आसपास के पांच गांव अजोली, सनोली, बीनेवाल पूना, माजरा और मलूकपुर में जल निकास प्रणाली का काम प्रस्तावित है।