शिमला, 14 मार्च। हिमाचल प्रदेश की खस्ता माली हालत को लेकर सियासत गरम है तथा इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर हैं। सुक्खू सरकार एलान कर चुकी है कि राज्य की खराब वितीय स्थिति पर बजट सत्र में श्वेत पत्र लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में कहा है कि पिछली बीजेपी सरकार की कारगुजारी से हिमाचल प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है। इस समय प्रदेश के हर व्यक्ति पर लगभग एक-एक लाख रुपए का कर्ज है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश की खस्ता हालत पर बजट सत्र में श्वेत पत्र ला रही है। विधानसभा में विपक्ष द्वारा विधायक क्षेत्र विकास निधि का मुद्दा उठाए जाने के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया और पाया कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में 920 संस्थान बिना बजट के खोल दिए।
उन्होंने कहा कि हमने उस व्यवस्था को देखा और व्यवस्था परिवर्तन की ओर चल पड़े। उन्होंने कहा कि हमारी जनता के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्य दोनों हैं, लेकिन जब ऐसा नहीं करते तो वर्तमान आर्थिक बदहाली जैसे हालात पैदा होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि को बंद नहीं किया, बल्कि रोकी है। उन्होंने कहा कि यह निधि इसलिए रोकी है क्योंकि पूर्व सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशें तो लागू कर दी, लेकिन कर्मचारियों को 11 हजार करोड़ रुपए का एरियर नहीं दिया। इसके अलावा 992 करोड़ रुपए की डीए की किस्त भी अभी लंबित है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव को विधायक क्षेत्र विकास निधि से जोड़े जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि आज तक इस मुद्दे पर कभी भी काम रोको प्रस्ताव नहीं आया। उन्होंने कहा कि यदि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में प्रदेश की आमदनी ठीक रही तो सरकार इस निधि को बहाल करने पर विचार करेगी।