जीपीएस प्रणाली के होगी पशुधन की गणना, पहली सितम्बर से आरंभ होगा कार्य

ऊना। उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि ऊना जिले में पहली सितम्बर से जीपीएस प्रणाली के माध्यम से पशुधन गणना का कार्य आरंभ किया जाएगा। इस गणना का मुख्य उद्देश्य जिले में पशुधन आबादी की सटीक जानकारी एकत्रित करना है, जो कि पशुधन विकास से संबंधित नीतियों और योजनाओं की कार्य योजना बनाने और उन्हें सफलतापूर्वक लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उपायुक्त पशु पालन विभाग द्वारा 21वीं पशुधन गणना 2024 के तहत विभागीय अधिकारियों के लिए ऊना में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम के उपरांत बताया कि इस गणना से पशुधन की जनसंख्या का डेटा और ग्रामीण-शहरी विवरण इकट्ठा करके धन और संसाधनों के उचित आवंटन में मदद मिलेगी। साथ ही, विभिन्न नस्लों की जानकारी एकत्रित कर उनके संरक्षण और सुधारीकरण के कार्यों को भी बल मिलेगा।
इसके साथ ही, उपायुक्त ने जिले में आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने और आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए डार्टगन मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को दुग्ध समितियों से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं, जिससे न केवल दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी।  उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पशुपालकों और स्वयं सहायता समूहों के लिए जागरूकता शिविर लगाने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम के दौरान उप निदेशक डॉ. विनय शर्मा ने पीपीटी के माध्यम से पशुधन के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ. दिनेश परमार, डॉ. अजू व्यास, डॉ. राकेश भट्टी, और जिले के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी भी उपस्थित थे।

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