सीयू की सांविधिक बैठकें होंगी पेपर लेस, 38वीं अकादमिक परिषद की बैठक में फैसला

शिमला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की सांविधिक बैठकों ‘अकादमिक परिषद, कार्यकारिणी परिषद, वित्त समिति, विश्वविद्यालय कोर्ट’ एवं अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में होने वाली कार्रवाई अब पेपरलेस होगी। विश्वविद्यालय की 38वीं अकादमिकपरिषदकीबैठक में यह फैसला लिया गया है। इसके लिए अकादमिकपरिषदकीबैठक में मंजूरी दे दी गई है।

धौलाधार परिसर-एक में विश्वविद्यालय की 38वीं अकादमिक परिषद की बैठक में विभिन्न अध्ययन कार्यक्रमों को संचालित करने की अनुमति दी गई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने की। उन्होंने इस अवसर पर सभी सदस्यों के समक्ष विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को रखा। इस अवसर पर काफी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार विश्वविद्यालय के अध्यादेश में परिवर्तन लाए  जाएंगे। अब इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है। अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार की अध्यक्षता में यह कमेटी 15  दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।

इस अवसर पर कुलपति ने बताया कि अब विश्वविद्यालय में चल रहे कश्मीर अध्ययन केंद्र का नाम बदलकर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख अध्ययन कर दिया गया है। वहीं भारत सरकार ने समर्थ पोर्टल  के 44 मोड्य़ूलस को लागू करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें से विवि ने 33 कर दिए हैं। इस पर अकादमिक परिषद ने कुलपति को बधाई दी।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय मौजूदा समय में विश्वविद्यालय के अनुसंधान की ओर अधिक अग्रसर करने की आवश्यकता पर जोर दे रहा है। इसी के तहत नवीन अनुसंधान को बढ़ाने तथा पेटेंट पंजीकरण के लिए विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों को प्रोत्साहित करने के लिए पेटेंट सेल की स्थापना की गई है। इसके लिए कमेटी का भी गठन कर लिया गया है। उपरोक्त समिति विश्वविद्यालय में पेटेंट सेल की स्थापना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश और मानक संचालन प्रक्रिया ( एसओपी) तैयार करेगी। इस समिति द्वारा तैयार किए गए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)/दिशा-निर्देशों को अनुमोदन के लिए विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के समक्ष रखा जाएगा ।

केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि सीपी ग्राम पोर्टल के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्र विशेष रूप से एफ ग्रेड विषयों के लिए गोल्डन चांस का अवसर दिया जा रहा है। अकादमिक परिषद के निर्णय के बाद विश्वविद्यालय ने यूजी /पीजी/डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स के छात्रों को एकमुश्त गोल्डन चांस देने की मंजूरी दी है।

 इस मौके पर अकादमिक परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि विश्वविद्यालय में एक महिला प्रकोष्ठ है जिसका दायरा बहुत सीमित है। इसे महिला प्रकोष्ठ के बजाय;महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र; ( सीडब्ल्यूएसडी ) नाम देने से कई विशिष्ट लाभ मिलेंगे और यह अकादमिक कठोरता और शोध फोकस ( लिंग अध्ययन के क्षेत्र में ज्ञान सृजन और प्रसार में योगदान देने वाला एक मजबूत शैक्षणिक आधार सुनिश्चित करना), महिला सशक्तिकरण के लिए समग्र दृष्टिकोण और अंतःविषय सहयोग और सहभागिता सहित व्यापक शैक्षिक और सामाजिक लक्ष्यों के साथ संरेखित होगा।

इसके अलावा, इंडियाना यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया (आईयूपी), यूएसए और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और शोध सहयोग के संबंध में संयुक्त आधिकारिक बैठक के दौरान, तीन (03) पत्रिकाओं पर संयुक्त प्रकाशन शुरू करने का संकल्प लिया गया। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने संबंधित समितियों के लिए सदस्यों को नामित कर दिया है। इंडियाना यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया (आईयूपी), यूएसए उपरोक्त सभी पत्रिकाओं के लिए अलग से अपने सदस्यों को नामित करेगा। वहीं विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ को सक्रिय करने तथा समन्वयक-सह-नोडल अधिकारी की नियुक्ति से संबंधित मामले को अकादमिक परिषद के समक्ष रखा गया।

बैठक में प्रो. दिनेश अग्रवाल, कुलपति, गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, हरियाणा, प्रो. जे.पी. यादव कुलपति, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर, रेवाड़ी, हरियाणा, प्रो. राज नेहरू, कुलपति, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, प्रो. सुमन शर्मा, कुलसचिव, प्रो. प्रदीप कुमार, अधिष्‍ठाता अकादमिक सहित विभिन्न स्कूलों एवं विभागों के अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *