शिमला, 22 मार्च। हिमाचल प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जन मंच को बंद करने के सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के फैसले पर बुधवार को प्रदेश विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। इस दौरान सरकार के फैसले का विरोध करते हुए जहां पूरा विपक्ष सदन के बीचों-बीच पहुंच गया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं भारी हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को सदन की बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। हालांकि सदन की बैठक फिर से आरंभ होने पर हंगामा खत्म हो गया और इसके बाद सदन की कार्यवाही शांत माहौल में चली।
जन मंच बंद करने के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की कि सरकार जन मंच कार्यक्रम को बंद कर इसके स्थान पर नया मंच लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि नई सरकार सत्ता में आई है और हम नया कार्यक्रम लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि वह समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर जन मंच कार्यक्रम को लेकर राजनीति करने और इसका राजनीतिक लाभ लेने का भी आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के कार्यक्रम में जहां लोगों की समस्याओं का हल होगा, वहीं अधिकारियों व कर्मचारियों का भी सम्मान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से कर्मचारियों और अधिकारियों को जनता के बीच बेइज्जत नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जन मंच कार्यक्रमों में 2.70 करोड़ रुपए की राशि केवल भोजन करवाने पर ही खर्च कर दी गई,जबकि दो करोड़ की राशि टेंट लगाने पर खर्च की गई।
इससे पूर्व, ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान जन मंच को लेकर पूछे गए मूल सवाल के जवाब में सदन के बताया कि प्रदेश में तीन जून 2018 से पहली मई 2022 के बीच कुल 258 जन मंच कार्यक्रम आयोजित हुए। इन पर 5.34 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई। इन जन मंच कार्यक्रमों में 45726 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 43821 शिकायतों का निपटारा किया गया, जबकि 1905 शिकायतों का निपटारा होना बाकी है।
प्रश्नकाल समाप्त होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जन मंच के मामले को फिर से सदन में उठाया और कहा कि जन मंच कार्यक्रम भावनाओं से जुड़ा कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि जन मंच ऐसी योजना है, जिससे राज्य के दूरदराज के लोगों को उनके घर-द्वार पर ही उनकी समस्याओं का हल मिल रहा था। ऐसे में भाजपा को इस कार्यक्रम को बंद करने पर कड़ा एतराज है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम को सरकार यथावत चलाए, क्योंकि किसी भी कार्यक्रम को बंद करना समस्या का हल नहीं है। सदन के स्थगित होने के बाद जब फिर से सदन की बैठक आरंभ हुई तो जयराम ठाकुर ने फिर से इस मुद्दे को उठाया और कहा कि उनका मकसद सदन में व्यवधान डालने का नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए, क्योंकि सरकार हर चीज को बंद करने के लिए नहीं होती है। जयराम ठाकुर ने बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा याचक कहने पर भी एतराज जताया।