शिमला, 25 मार्च। सूरत की अदालत के एक फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। राहुल गांधी साल 2019 में केरल की वायनाड सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। उनकी सदस्यता रद्द होने पर सियासत गरमा गई है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सुक्खू ने कहा है कि राहुल गांधी लोकतंत्र की आवाज हैं। संसद में तो उनकी आवाज को बंद किया जा सकता है, लेकिन जनता की अदालत में उनकी आवाज़ को बंद नहीं किया जा सकता। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यह कैसा फैसला है, जिसमें 24 घण्टे में उनकी सांसद सदस्यता रद्द कर दी गई। उन्होंने पूछा कि कब तक इस लोकतंत्र की आवाज़ को दबाया जाएगा, जिसके साथ हज़ारों लोगों की आवाज़ हो।
सुक्खू ने कहा कि जनता के इस लोकतंत्र को बचाने के लिए राहुल गांधी लड़ाई लड़ रहे हैं। कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी ने भारत छोड़ो यात्रा कर लोकतंत्र की आवाज को मजबूत किया है तथा इसकी लोकप्रियता से भाजपा घबरा गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राहुल गांधी से खतरा लग रहा है। लिहाजा राहुल गांधी को चुप कराने का केंद्र की भाजपा सरकार षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा संसद के अंदर तो राहुल गांधी की आवाज दबा सकती हैं,लेकिन जनता की अदालत में उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के साथ खड़ी है और आने वाले समय में केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर आकर लड़ाई लड़नी होगी, तभी लोकतंत्र बच पाएगा।
हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को एक संस्था द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने सम्बंधी सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक कानूनी प्रक्रिया है और इस पर सरकार अदालत में जवाब देगी।