नई दिल्ली। सरकार ने जैव प्रभावकारिता परीक्षणों और विष विज्ञान परीक्षणों के आधार पर उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ)- 1985 के तहत नैनो डीएपी को अधिसूचित किया है। मेसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (सीआईएल), मेसर्स जुआरी फार्म हब लिमिटेड और मेसर्स इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) को नैनो डीएपी के निर्माण की अनुमति दी गई है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने बताया है कि इफको और सीआईएल ने नैनो डीएपी विकसित किया है और चुनिंदा आईसीएआर संस्थानों/राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में पहचान के आधार पर फसलों पर प्रारंभिक क्षेत्र परीक्षण किए हैं। रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि नैनो डीएपी के बीज उपचार और पत्तियों पर छिड़काव के रूप में उपयोग से पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दानेदार डीएपी की बचत की संभावना है।
इसके अतिरिक्त, देश भर में नैनो डीएपी की राज्यवार बिक्री के आंकड़े अनुलग्नक में दिए गए हैं।
इसके अलावा, किसानों के बीच नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:
- नैनो यूरिया के उपयोग को जागरूकता शिविर, वेबिनार, नुक्कड़ नाटक, क्षेत्र प्रदर्शन, किसान सम्मेलन और क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्मों आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है।
- सम्बंधित कंपनियों द्वारा नैनो यूरिया, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) पर उपलब्ध कराया जाता है।
- नैनो यूरिया को उर्वरक विभाग द्वारा नियमित रूप से जारी मासिक आपूर्ति योजना में शामिल किया गया है।
- आईसीएआर ने भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल के माध्यम से हाल ही में “उर्वरकों (नैनो-उर्वरकों सहित) के कुशल और संतुलित उपयोग” पर राष्ट्रीय अभियान का आयोजन किया।
- नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) का आयोजन किया गया, जिसे 15 नवंबर, 2023 को लॉन्च किया गया।
- 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार ने ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना शुरू की है। इस योजना के तहत उर्वरक कंपनियों द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की नमो ड्रोन दीदियों को 1094 ड्रोन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे ड्रोन के माध्यम से नैनो उर्वरकों का अधिक उपयोग सुनिश्चित हो रहा है।
- उर्वरक विभाग ने उर्वरक कंपनियों के साथ मिलकर देश के सभी 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में परामर्श और क्षेत्र स्तरीय प्रदर्शनों के माध्यम से नैनो डीएपी को अपनाने के लिए एक महा अभियान शुरू किया है। इसके अलावा, उर्वरक विभाग ने उर्वरक कंपनियों के साथ मिलकर देश के 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस के क्षेत्र स्तरीय प्रदर्शनों और जागरूकता कार्यक्रमों के लिए अभियान भी शुरू किया है।
उर्वरक कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नैनो डीएपी के विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स में कोई महत्वपूर्ण चुनौतियां नहीं हैं।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।