उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और नाहन के विधायक अंजय सोलंकी ने कहा: व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर होता हिमाचल

शिमला। उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने आज यहां जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा कि प्रदेश में पहली बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में प्रदेश का नाम रोशन करने वाले मेधावी पदक विजेता खिलाड़ियों को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित कर, उनके संघर्ष को उचित मान-सम्मान दिया जा रहा है।  
उन्होंने कहा कि राज्य में यह पहली बार हुआ है कि राज्य सरकार ने खिलाड़ियों के हितों को प्राथमिकता प्रदान कर उन्हें दी जाने वाली पुरस्कार राशि में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है ताकि खिलाड़ी प्रोत्साहित हो और युवा खेलों के साथ जुड़ सकें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत दिवस 5 दिसंबर, 2024 को  शिमला में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में प्रदेश का नाम रोशन करने वाले 21 पदक विजेताओं को 14.77 करोड़ रुपये की राशि बतौर पुरस्कार खिलाड़ियों को प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में अंडर-17 और अंडर-19 खेलों के लिए राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में केवल मात्र 150 रुपये जबकि राष्ट्र स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए 250 रुपये डाइट मनी दी जाती थी। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर क्रमशः 400 और 500 रुपये किया है।
अंडर-14 में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में पहले राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में 120 रुपये जबकि राष्ट्रीय स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए 250 रुपये डाइट मनी दी जाती थी। वर्तमान राज्य सरकार ने इसे भी बढ़ाकर 250 रुपये और 400 रुपये किया है। इसी प्रकार खेल छात्रावासों में रहने वाले खिलाड़ियों को पहले 150 रुपये डाइट मनी दी जाती थी, लेकिन अब इन खिलाड़ियों को 400 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों को हवाई किराया भी प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। खिलाड़ियों का सम्मान, उसी परिकल्पना को साकार कर रहा है। इससे पूर्व, कोई खिलाड़ी कल्पना भी नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा कि शारीरिक बाधाओं को पार कर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को राज्य सरकार ने आम खिलाड़ियों के बराबर आठ गुना बढ़ाया है।
केवल सिंह पठानिया और अंजय सोलंकी ने कहा कि ओलंपिक, शीतकालीन ओलंपिक तथा पैरालंपिक प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये की गई है। जबकि रजत पदक विजेताओं को राज्य सरकार द्वारा अब 2 करोड़ रुपये के स्थान पर 3 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपये के स्थान पर 2 करोड़ रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों तथा पैरा एशियाई खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि में भी ऐतिहासिक वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक विजेताओं को दी जाने वाली पुरस्कार राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये किया है, जबकि रजत पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये के स्थान पर 2.50 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये के स्थान पर 1.50 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।
इसी प्रकार राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं को 50 लाख रुपये के स्थान पर 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये के स्थान पर 2 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये के स्थान पर 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने दूसरे बजट में खिलाड़ियों की डाइट मनी को भी बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि ऊना जिले के पैरालिंपियन निषाद कुमार को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए 7.80 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गई है। प्रदेश सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो रही खेल प्रतियोगिताओं में हिमाचल का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सम्मान प्रदान कर रही है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य राज्य में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन प्रदान करना है। हिमाचल खिलाड़ियों को इतनी बड़ी पुरस्कार राशि प्रदान करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो गया है। यह सरकार की खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की नीति को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार के यह प्रयास दर्शाते हैं कि हिमाचल आत्मनिर्भर और समृद्धशाली राज्य बनने की ओर अग्रसर है।

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