शिमला। हिमाचल प्रदेश ईको टूरिज्म सोसाइटी की कार्यकारी समिति की 17वीं बैठक आज अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) के. के. पंत की अध्यक्षता में सचिवालय, शिमला में आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए।
बैठक की शुरुआत ईकोसोक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय सूद द्वारा कार्यसूची प्रस्तुत करने से हुई। बैठक में चार प्रमुख ईको टूरिज्म साइट्स को औपचारिक रूप से आवंटन करने की स्वीकृति प्रदान की गई। ये साइट्स हैं:
त्रियुंड वन (धर्मशाला)
लॉग हट धर्मकोट (धर्मशाला)
गुलाबा पार्क (कुल्लू)
नारकंडा नेचर कैम्प (शिमला)
इसके अलावा, अगली चरण की प्रक्रिया में 28 नई ईको टूरिज्म साइट्स को निविदा के माध्यम से आवंटन की स्वीकृति दी गई। इनमें धर्मशाला वन वृत्त की 5, कुल्लू की 4, मंडी की 4 और रामपुर की 7 साइट्स शामिल हैं।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के वन विश्राम गृहों में पर्यटकों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। इसके अंतर्गत खान-पान तथा अन्य सेवाओं को आउटसोर्स करने की योजना को मंजूरी दी गई है, जिससे पर्यटन अनुभव को और अधिक सुविधाजनक एवं आकर्षक बनाया जा सके।
इस बैठक में प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) समीर रस्तोगी, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी विंग) अमिताभ गौतम, विशेष सचिव (टूरिज़्म) विजय कुमार सहित ईकोसोक के गैर सरकारी सदस्य संजीव गांधी, पीताम्बर जयसवाल, अरुण ठाकुर उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त, धर्मशाला वृत्त की अरण्यपाल वासु कौशल, कुल्लू वृत्त के अरण्यपाल संदीप शर्मा, वन मंडल अधिकारी (ईको टूरिज्म एवं प्रचार) सरोज वर्मा, चंबा के वन मंडल अधिकारी रघुराम, डलहौजी के वन मंडल अधिकारी रजनीश महाजन तथा धर्मशाला के वन मंडल अधिकारी दिनेश शर्मा ने वर्चुअल रूप से बैठक में भाग लिया।