शिमला, 01 जून। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 12 जून को बाल सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसमें 68 बच्चे हिस्सा लेंगे। ये बच्चे विधायक से लेकर स्पीकर और मुख्यमंत्री की भूमिका निभाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में बताया कि 12 जून को होने वाले इस बाल सत्र का आयोजन “विश्व बाल श्रम दिवस” के उपलक्ष्य किया जा रहा है। इस दौरान देश भर के 68 बच्चे एक दिन के लिये राज्य के मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, उप-मुख्यमंत्री, स्पीकर, कैबिनेट मंत्री एवं सदस्यों की भूमिका में नज़र आयेंगे और विधानसभा में विशेष सत्र का संचालन करेंगे। ये बच्चे राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज़ दुनिया के सामने मुखर करेंगे।
उन्होंने कहा कि विधायक की भूमिका में बच्चे मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों से प्रश्न कर जवाब मागेंगे और अपनी बात भी रखेंगे। इस बाल सत्र में बच्चों दारा विधानसभा सत्र का संचालन किया जायेगा। बच्चे ही विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभायेंगे।
पठानिया ने कहा कि बच्चों का मनोबल बढ़ाने हेतु- विशिष्ठ अतिथि के तौर पर राज्य सभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौजूद रहेंगे। मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य संसदीय सचिव, समस्त हिमाचल कैबिनेट एवं विधानसभा सदस्य बच्चों को अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस बाल सत्र के लिए नौ राज्यों के 1085 बच्चों ने आवेदन किया था। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार शामिल हैं। इनमें 285 बच्चे पैनल ने शार्टलिस्ट हुए हैं। इनमें से 68 बच्चों को चुना जाना है। इनमें ज़्यादातर बच्चे हिमाचल प्रदेश के विभिन्न ज़िलों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास में दूसरी बार विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन होगा। इससे पहले राजस्थान में बाल सत्र हुआ था।
उन्होंने कहा कि राजस्थान स्थित संस्थान फ्यूचर सोसाइटी बाल सत्र के लिए बच्चों का चयन कर रही है। द फ्यूचर सोसाइटी ने राजस्थान में आयोजित देश के सबसे पहले “बाल सत्र” के आयोजन में भी मुख्य भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा कि इस बाल सत्र में 68 बच्चों की चयन प्रक्रिया के दौरान बच्चों ने कई गंभीर मुद्दों पर अपनी बात रखी एवं अहम सुझाव हमारे साथ साझा किए- इन में हिमाचल में बढ़ती बेरोज़गारी के लिए युवाओं के लिए कैरियर काउंसलिंग, हिमाचल के किसानों की फसलों की मार्केटिंग, खेलों को बढ़ावा देने के लिए साप्ताहिक खेल प्रतियोगिताएँ, ट्रैफिक के रोकथाम हेतु राज्य की बसों का सशक्तीकरण एवं शिक्षा के सुधार के लिए छोटे-छोटे प्रयास शामिल है। इन सुझावों पर विस्तृत चर्चा बच्चों द्वारा “बाल सत्र” में की जाएगी।