राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उपमुख्यमंत्री

शिमला। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और वन प्रबंधन में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी वन संवर्धन योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य पंजीकृत सामुदायिक संगठनों को वनीकरण गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत बंजर भूमि पर फलदार पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को संवारने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने क्षेत्र के सभी महिला मंडलों से इस योजना से जुड़ने का आह्वान किया।
वे रविवार को ऊना जिले के हरोली में जलशक्ति विभाग के निर्माणाधीन विश्राम गृह के परिसर में आयोजित 76वें वन महोत्सव के अवसर पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने परिसर में अर्जुन का पौधा लगाया।
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत समूहों को 1 से 5 हेक्टेयर बंजर वन भूमि पर फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ये समूह पांच वर्षों तक वृक्षारोपण के रखरखाव के लिए भी ज़िम्मेदार होंगे। प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर प्रत्येक समूह को 1.20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी, जबकि एक हेक्टेयर से कम भूमि होने पर सहायता राशि अनुपातिक होगी। पौधों की जीवित रहने की दर के आधार पर समूह को प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। पौधों के 50 प्रतिशत से अधिक सर्वाइवल पर अतिरिक्त 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी। वन विभाग ने पंडोगा में इस योजना की शुरुआत की है। उपमुख्यमंत्री ने विभाग को अन्य पंचायतों में भी इसे गति देने को कहा।
वहीं, उन्होंने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को विश्राम गृह के कार्य को 15 दिसंबर तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए और उससे पूर्व परिसर में वन विभाग के सहयोग से योजनाबद्ध पौधारोपण करने को कहा।
ऊना में पहली बार हुई बड़े प्रजाति के पेड़ों की गणना और जियो टैगिंग
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बड़े प्रजाति के पेड़ों को कटने से बचाने के लिए कटिबद्ध है। इसी दृष्टि से ऊना जिले में पहली बार आम, बरगद और पीपल के पेड़ों की गिनती करवाई गई है। वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल 46,425 बड़े पेड़ हैं, जिनमें 40,827 आम, 3,538 पीपल और 2,060 बरगद के पेड़ शामिल हैं। इन सभी की जियो टैगिंग कर दी गई है, जिससे अवैध कटान रोकने में मदद मिलेगी। हरोली विधानसभा क्षेत्र में आम के 12,639, पीपल के 631 और बरगद के 242 पेड़ हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फोकस इन प्रजातियों के संरक्षण और विस्तार पर है और इसके लिए पूरे समाज को मिलकर कार्य करना होगा।
वनीकरण पर जोर, लगाए जाएंगे 2.78 लाख पौधे
श्री अग्निहोत्री ने कहा कि इस वर्ष ऊना जिले में 2.78 लाख पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले में भौगोलिक रूप से वन क्षेत्र कम है। जिले में कुल वन भूमि केवल 21,000 हेक्टेयर है और हरोली में वन घनत्व अपेक्षाकृत सबसे कम है। इसे बढ़ाने के लिए वन विभाग को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग की बायोडायवर्सिटी योजना के तहत हरोली में 20 हजार खैर के पौधे भू-मालिकों को मुफ्त आबंटित किए गए हैं। इसके अलावा बरगद, पीपल शमी और बिल प्रजाति के 831 पौधे भी लगाए गए हैं।

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