शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश से भारी नुकसान हो रहा है।जगह जगह लैंडस्लाइड होने से प्रदेश में सड़के बन्द है । प्रदेश में वीरवार को 1638 सड़के अवरुद्ध हो गई है। जिन्हें खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा 1300 मशीनरी लगाई गई है । भरमौर क्षेत्र में सड़के अभी तक बहाल नही हो पाई है। भरमौर में जगह जगह सड़के बह गई है जिससे मशीनरी नही पहुचा पा रहे है।वही अब लोक निर्माण विभाग द्वारा इन सड़कों को बहाल करने के लिए मशीनरी को एयरलिफ्ट करने का फैसला लिया है ताकि सड़कों को दोनों तरफ से खोला जाए।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में मानसून मैं भारी बारिश के चलते काफी नुकसान हुआ है और और काफी सड़के बंद है जिन्हें खोलने के लिए विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है सभी जिलों के अधिकारियों के संपर्क कर उनसे नुकसान का जायजा लिया जा रहा है मानसून सीजन में लोक निर्माण विभाग कोई अभी तक का 2300 करोड़ का नुकसान हो चुका है भरमौर के क्षेत्र में भी काफी नुकसान हुआ है और अभी वहां पर दो दिन का दौरा करके वापस लौटे हैं सड़क काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त हुई है। जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है इसके अलावा भरमौर में सड़कों की बहाली को लेकर जहां मशीनों को एयरलिफ्ट करने की जरूरत है वहां पर एयरलिफ्ट भी करवाया जाएगा ताकि सड़कों को जल्द बहाल किया जा सके।
उन्होंने कहा के प्रदेश में चार दिन भारी बारिश हुई जिससे आज 1638 सड़के बन्द है। शुक्रवार को 650 सड़को को खोलने प्रयास किया जाएगा। सड़कों को बाहर करने के लिए विभाग दिन-रात काम कर रहा है और 1380 मशीनरी सड़कों को खोलने के लिए लगाई गई है वहीं विभाग को वाली ब्रिज खरीदने की भी अनुमति दे दी है ताकि जहां पर ब्रिज बह गए हैं वहां पर इन ब्रिज को जल्दी लगाया जाए।
वहीं उन्होंने के प्रदेश में जो नुकसान हो रहा है उसका आकलन कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि हिमाचल प्रदेश को उसका मुआवजा दिया जाए जिस तरह से पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 10 हाजर करोड़ बकाया देने का आग्रह किया है वहीं हिमाचल का भी ओपीएस,जीएसटी कम्पनसेशन जो है उसे केंद्र सरकार जल्द दे ओर रिलीफ पैकेजे भी जारी करे। ताकि जो आवदा आई है उससे निपटा जाए।
वही विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब जो भी फोर लाइन बनेंगे उसमें ज्यादा से ज्यादा टाइम निकालने का काम किया जाएगा। नितिन गडकरी ने प्रदेश में बने फोर लाइन को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं और जिस तरह से पहाड़ी क्षेत्र में फोर लाइन को लेकर कटिंग की जा रही है वह सही नहीं है।90 डिग्री पर फोरलेन की कटिंग की गई। इसके अलावा बिल्कुल नदी किनारे ही फ़ॉर
फोरलेन का निर्माण किया गया और जोकि अभी पानी मे बह गया है। हिमाचल प्रदेश में जो फॉरलेन बनेंगे वहां पर इस तरह से काम नहीं होगा । ढली से रामपुर सैंज के लिए जो फोरलेन बनना है उसमें ज्यादा टनल बनाई जाएगी और ब्रिज लगाए जाएंगे ताकि पहाड़ो की कटिंग न करनी पड़े।