शिमला, 24 जून। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के मुद्दे ने सियासी तूल पकड़ लिया है। विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की सुक्खू सरकार की घेराबंदी की है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शनिवार को कहा कि वीरभद्र सिंह बड़े कद के नेता रहे हैं और उन्होंने लंबे समय तक हिमाचल की सेवा की है। लेकिन सुक्खू सरकार वीरभद्र सिंह की प्रतिमा को लेकर राजनीति कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
एक वीडियो सन्देश में जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वीरभद्र सिंह कांग्रेस के आला नेता थे। कांग्रेस सरकार ने रिज मैदान पर उनकी प्रतिमा लगाने का ऐलान किया था, लेकिन उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार की ओर से रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने की मंजूरी नहीं मिल पाई और मूर्ति को फिर दूसरे स्थान सैंज में स्थापित करना पड़ा। ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार है औऱ कांग्रेस पार्टी के ही मुख्यमंत्री और मंत्री हैं। ऐसी स्थिति में अगर इस तरह की सियासत होती है, तो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में हमारी सरकार थी और वीरभद्र सिंह का दुखद निधन हुआ था। उस समय हमारे सामने आग्रह आया था कि वीरभद्र सिंह की मूर्ति रिज के मैदान में स्थापित होनी चाहिए। इस पर हमने कहा था कि हमारी सरकार को कोई आपत्ति नहीं और इस बारे में आवश्यक कार्रवाई करने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे। लेकिन इस बीच में सत्ता परिवर्तन हो गया और सता परिवर्तन के बाद आज हम इस बात को देख रहे हैं कि राज्य में सरकार बने हुए छह माह हो गए, लेकिन छह महीने में भी मूर्ति को स्थापित करने की दिशा में कदम नहीं उठाए गए।
बात दें कि रिज मैदान पर प्रतिमा लगाने की अनुमति न मिलने के बाद वीरभद्र सिंह के समर्थकों ने अप्पर शिमला के कुमासेन स्थित सैंज में उनकी प्रतिमा स्थापित की है। इसका अनावरण बीते 22 जून को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने किया। अहम बात यह है कि कांग्रेस मुख्यालय शिमला में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह से भी दूरी बनाए रखी। मुख्यमंत्री सुक्खू का स्वर्गीय वीरभद्र सिंह से छतीस का आंकड़ा रहा है। वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह वर्तमान में हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और उनका बेटा विक्रमादित्य सिंह सुक्खू सरकार में लोकनिर्माण व खेल मंत्री है।