भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

नई दिल्ली। भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के 76वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि राजस्व संग्रह राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी राजस्व से बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए धन जुटाया जाता है। इसलिए, राजस्व सेवा के अधिकारी राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार हैं। उन्होंने कहा कि कर संग्रह एक सुचारू प्रक्रिया होनी चाहिए जिसमें करदाताओं को असुविधा न हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि राजस्व सेवा के अधिकारी प्रशासक, जांचकर्ता, व्यापार सुगमकर्ता और कानून प्रवर्तनकर्ता के रूप में अनेक भूमिकाएं निभाएंगे। ये अधिकारी भारत की आर्थिक सीमाओं के प्रहरी हैं जो तस्करी, वित्तीय धोखाधड़ी और अवैध व्यापार से देश की रक्षा करते हैं और साथ ही वैध वाणिज्य और वैश्विक व्यापार साझेदारियों को सुगम बनाते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की भूमिका, प्रवर्तन और सुगमता तथा कानून की रक्षा और आर्थिक विकास को सक्षम बनाने के बीच एक संतुलन की मांग करती है। उन्होंने अधिकारियों को पारदर्शी, जवाबदेह और प्रौद्योगिकी आधारित प्रणालियां विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में ईमानदारी, निष्पक्षता की भावना होनी चाहिए। युवा अधिकारियों से नवोन्मेषी, विश्लेषणात्मक और तकनीकी रूप से कुशल होने की अपेक्षा की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *