शिमला, 07 अगस्त। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करते हुए तीन श्रेणियों में राज्य स्तरीय पुरस्कार शुरू करने पर विचार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के पारंपरिक शिल्प में उत्कृष्ट हुनर की पहचान कर प्रोत्साहन प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री सोमवार को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर गेयटी थिएटर में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड का नाम ‘हिमक्राफ्ट कॉर्पोरेशन’ करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस रीब्रॉडिंग का उद्देश्य निगम के कार्य को विस्तार प्रदान करना और बाजार में एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में उत्पादों को बढ़ावा प्रदान करना है।
व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से परिवर्तन की इस प्रक्रिया में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक संकट के लिए पूर्व सरकार एवं उनकी नीतियां जिम्मेवार हैं। वर्तमान सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और कर्ज पर निर्भरता कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी चार वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और अगले दस वर्षों में हिमाचल देश का सबसे समृद्ध राज्य बन कर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य में हाल ही में प्राकृतिक आपदा के कारण 8 से 10 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान और पर्यटन क्षेत्र में इसके प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार स्थिति सामान्य करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सरकार क्षतिग्रस्त सड़कों के बावजूद किसानों के सेब और सब्जियों जैसे उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान कर इन्हें समयबद्ध बाजार तक पहुंचाने की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने राहत नियमावली में बदलाव कर मुआवजा राशि में कई गुणा बढ़ौतरी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया और उनसे अंतरिम राहत की पहली किस्त शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया है ताकि राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने एनडीआरएफ के पिछले कुछ वर्षों से लंबित 315 करोड़ रुपये भी जारी करने का अनुरोध किया है।