सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की बहाल के लिए 110 करोड़ जारीः मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला, 08 अगस्त। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिला के दो दिवसीय प्रवास के दौरान मंगलवार को चौपाल विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से हुए नुकसान का विस्तृत जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने जिला प्रशासन को प्रभावित लोगों को शीघ्र सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को किसानों के उत्पादों को समयबद्ध बाजार तक पहुंचाने के लिए सड़कों की बहाली के कार्यों में तेजी लाने के दृष्टिगत तुरंत अल्पकालिक निविदा जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि दाग वाले सेब के दाम बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे सेब उत्पादक लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छैला-यशवंत नगर सड़क के सुदृढ़ीकरण पर 70 करोड़ रुपये व्यय किए जायेंगे और यह सड़क शिमला के ऊपरी क्षेत्र के लोगों के लिए चंडीगढ़ तक यात्रा के लिए जीवन रेखा के रूप में कार्य करेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों को बहाल करने के लिए दक्षतापूर्वक कार्य कर रही है, ताकि सड़क सम्पर्क के अभाव में बागवानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। राज्य सरकार ने प्रदेश के सेब उत्पादक क्षेत्रों में संपर्क सड़कों को बहाल करने के लिए 110 करोड़ रुपये जारी किए हैं और पर्याप्त मशीनरी भी तैनात की गई है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा के कारण संपर्क सड़कों का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है और उन्हें बहाल करने में काफी समय लगेगा, इसलिए उन्होंने स्थानीय लोगों से सेब सीजन के लिए अस्थायी सड़कें बनाने में राज्य सरकार का सहयोग करने का आग्रह किया। इससे किसानों के उत्पाद समय पर बाजार तक पहुंच सकेंगे और राज्य सरकार उन्हें उचित मुआवजा देगी।
उन्होंने भारी बारिश के कारण प्रभावित चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुड़ी गांव को स्थानांतरित करने और लोगों केे पुनर्वास के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर निरंतर शिमला जिला के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और वह स्वयं भी स्थिति का जायजा ले रहे हैं ताकि राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने स्वयं प्रदेश के कई प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और वह शिमला के ऊपरी क्षेत्रों के दो दिवसीय दौरे के दौरान बहाली कार्यों का जायजा लेंगे। उन्होंने कहा कि हाल की त्रासदी में हिमाचल प्रदेश को लगभग 8000 करोड़ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस आपदा से राज्य के सभी क्षेत्रों में भारी क्षति हुई है और यह 50 वर्षों के दौरान हुई सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को भारी कर्ज विरासत में मिला है, लेकिन प्रभावित परिवारों की मदद के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि चौपाल में अब केवल दो सड़कें बंद हैं, बाकी सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सड़कों को स्थायी रूप से बहाल करने के दृष्टिगत सुरक्षा दीवार लगाने के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौपाल क्षेत्र के 300 घर आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने प्रशासन को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए प्रत्येक को एक लाख रुपये की राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उपायुक्त को बलसन क्षेत्र की 15 पंचायतों के संपर्क मार्गों की बहाली के लिए 3-3 लाख रुपये उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम ने हाल ही में राज्य का दौरा किया है और यह आशा है कि केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम राहत की पहली किस्त शीघ्र ही जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ ऑडिट आपत्तियों के कारण पिछले कुछ वर्षों से एनडीआरएफ के तहत 315 करोड़ रुपये लंबित हैं और उन्होंने इस मामले को अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्र सरकार से उठाने के उपरांत 315 करोड़ रुपये में से 189 करोड़ रुपये जारी करने के बारे में अवगत करवाया गया है और सरकार ने लंबित राशि भी शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भारी बारिश से हुई क्षति को देखते हुए मुआवजा राशि 10 गुना तक बढ़ा दी है। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है, जबकि पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए अधिक मुआवजा देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के विचाराधीन है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *