हिमाचल सरकार ने आपदा राहत कोष में जुटाए 100 करोड़, केंद्र सरकार को भेजे 6700 करोड़ के क्लेम

शिमला, 20 अगस्त। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में जुलाई व अगस्त महीने में आई मानसून आपदा से भारी तबाही हुई है। अब तक 10 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा गठित राज्य आपदा कोष में लोग व स्वयंसेवी संस्थाएं खुलकर दान कर रही हैं और अब तक इस कोष में 100 करोड़ रूपये जुटाए गए हैं।
शिमला में आज पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 10 अगस्त तक 6700 करोड़ के क्लेम केंद्र सरकार को भेजे हैं। इस राशि को केंद्र को जल्द जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये क्लेम जुलाई माह में आपदा से हुई तबाही के हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के रिलीफ मैनुअल के अनुसार प्रभावितों को मिलने वाली राशि बेहद कम है और इसमें बढ़ौतरी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र के रिलीफ मैनुअल के तहत मकान के आंशिक नुकसान पर पांच हजार, पूरे मकान के घ्वस्त होने पर 1.30 लाख मिलता है। सड़क बहने पर एक किलोमीटर का 1.25 लाख मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया गया है कि केंद्र की यह राहत राशि कम है और पहाड़ी राज्यों के लिए अलग रिलीफ मेन्यूअल होना चाहिए। सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रवास पर पहुंचे जेपी नड्डा से हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने व इसकी एवज में विशेष पैकेज प्रदान करने का आग्रह किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपी नडड्ा ने हिमाचल के लिए स्पेशल पैकेज का मामला प्रधानमंत्री से उठाने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 50 साल में पहली बार ऐसी आपदा आई है और तबाह हुए मुलभूत ढांचे को बनने में एक साल लगेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मौसम साफ रहने की सूरत में अस्थायी मूलभूत ढांचे को एक माह में खड़ा कर देगी। हर गरीब जिसका धर उजड़ा है, उसका घर बसाया जाएगा। गरीबों व प्रभावितों को राहत देने के लिए उनकी सरकार ने राहत राशि में बदलाव किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के भाजपा सांसदों पर एक बार फिर निशाना साधा और कहा कि भाजपा सांसद केंद्र के समक्ष आपदा का मसला उठाने में विफल रहा। सांसदों ने न तो संसद में हिमाचल की आपदा का मामला उठाया और न ही इस मुददे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात की। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *