शिमला, 22 अगस्त। हिमाचल भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के साथ खड़ी है। पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी। छोटे कारीगरों को घरेलू व वैश्विक बाजार में जगह मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत पहले चरण के 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया जाएगा। इस योजना के पहले चरण में 13 हजार करोड़ रुपये आबंटित कर दिये गये हैं।
मंगलवार को शिमला से जारी एक बयान में राजीव बिंदल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि कुम्हार, सुनार, चरमकार, बढ़ई, मिस्त्री, वाशरमैन, बार्बर, मूर्तिकार आदि जितने प्रकार के कारीगर हैं, उन सभी को मजबूत करने के लिए पहले चरण में भगवान विश्वकर्मा के नाम पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की गई।
राजीव बिंदल ने कहा कि यह योजना गरीब समाज के उत्थान के लिए बड़े साधन के रूप में बढ़ेगी। डिजीटल इंडिया पर पिछले 9 वर्षों से काम चल रहा है औऱ इसी कड़ी में 15 हजार करोड़ व्यय करके 6 लाख बेरोजगारों के हुनर को बढ़ाया जाएगा। अगले 5 साल मेें महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को मजबूत करते हुए रोजगार के करोड़ों-करोड़ों अवसर तैयार किए जाएंगे। गरीब कल्याण की और किसानों के कल्याण की सभी योजनाओं को विस्तार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में गरीब कल्याण के लिए काम किया जिसका परिणाम है कि करोड़ों-करोड़ों लोग गरीबी रेखा को पार कर लोअर मिडल क्लास में प्रवेश किए हैं।
बिंदल ने कहा कि मोदी सरकार के अब तक के नौ वर्ष के कार्यकाल में 43 करोड़ गरीबों के जनधन खाते खुलवाए, 50 करोड़ गरीब लोगों को आयुष्मान भारत के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया, लगभग 20 करोड़ किसानों के खाते में पिछले तीन वर्षों से 6000 प्रतिवर्ष डालकर किसानो को सम्मान दिया। इसके अलावा करोड़ों गरीबों को घर दिए, पीने का स्वच्छ पानी दिया और स्वरोजगार के साधन दिए। किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये यूरिया की सबसिडी दी, 10 करोड़ बहनों को स्वयं सहायता समूह से जोड़कर सहयोग पहुंचाया। इस प्रकार की अनेकों योजनाओं के माध्यम से भारत आर्थिक दृष्टि से, सामरिक दृष्टि से, राजनीतिक दृष्टि से मजबूत हुआ।