सुक्खू सरकार का ऐलान, आपदा प्रभावितों को 31 मार्च तक मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और राशन

शिमला, 16 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश में हाल ही की बरसात में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत एवं सहायता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक और बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित परिवारों को अगले साल 31 मार्च तक मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और राशन प्रदान करने का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने अब प्रभावित परिवारों के जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क घरेलू रसोई गैस कनेक्शन किट प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस किट में एक एलपीजी सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, हॉट प्लेट, सुरक्षा पाइप शामिल होंगे और एलपीजी घरेलू रिफिल और ब्लू बुक की लागत सहित सभी संबंधित खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को एलपीजी गैस कनेक्शन के अलावा निःशुल्क राशन भी उपलब्ध करवाएगी। इस आवश्यक सामग्री के राशन पैकेज में 20 किलोग्राम गेहूं आटा, 15 किलोग्राम चावल, 3 किलोग्राम दाल, एक लीटर सरसों का तेल, एक लीटर सोया रिफाइंड तेल, एक किलोग्राम डबल फोर्टिफाइड नमक और 2 किलोग्राम चीनी शामिल है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क राशन की यह सुविधा 31 मार्च, 2024 तक प्रदान की जाएगी, जिससे प्रभावित परिवारों को खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। संबंधित ज़िला नियंत्रक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और खाद्य निरीक्षक इन आवश्यक वस्तुओं का उचित वितरण किराये के आवास में रहने वाले प्रभावित परिवारों तक सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम से आपदा प्रभावित परिवारों को बिना किसी वित्तीय बोझ के खाना पकाने सहित अन्य सुविधाएं सुनिश्चित हो सकेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों से स्थानांतरित कर किराये पर उपयुक्त आवासीय सुविधा प्रदान करने का पहले ही निर्णय ले चुकी है। इसके तहत आवास किराये पर लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।

हिमाचल में आपदा से 13 हज़ार मकानों को नुकसान, 428 लोग मरे : सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में आई आपदा से भारी तबाही हुई है। उन्होंने शनिवार को कहा कि अब तक इस आपदा में 428 लोग काल का ग्रास बने हैं। राज्य में 13,000 से अधिक मकान और भवन पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिमला से परवाणू राष्ट्रीय राजमार्ग और मण्डी-मनाली राजमार्ग के बड़े-बड़े हिस्से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। राज्य की अनेक सड़कों, पेयजल आपूर्ति योजनाओं एवं विद्युत व्यवस्था को भी भारी क्षति पहुंची है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस आपदा के कारण अभी तक लगभग 12 से 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।

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