शिमला, 25 सितंबर। प्रदेश सरकार निजी मे़डिकल व आर्युवेदिक कॉलेजों में स्टेट कोटा कम करने, मनमाना शुल्क वसूलने के मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करेगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधानसभा सदन में सोमवार को इसका ऐलान किया। घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी ने नियम-61 के तहत एमएमयू कुमारहट्टी में स्टेट कोटा कम करने का मामला सदन में उठाया था।
रोहित ठाकुर ने कहा कि राजेश धर्माणी की ओर से सदन में सोलन जिला में निजी मेडिकल कालेज में अनियमितताओं की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि राज्य कोटे की सीटें 50 फीसदी पहले थी जो कि अब कम की गई है। उन्होंने कहा कि शुल्क में भी निश्चित तौर पर अंतर है।उन्होंने कहा कि राज्य कोटे की फीस 50.82 लाख और मैनेजमेंट कोटे की फीस 93 लाख 200 रुपए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीन आर्युवेदिक कालेज है.
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि निर्धारित फीस में जो अंतर देखने को मिल रहा है, उन्होंने कहा कि सरकार यह देखेगी कि फीस में जो काफी अंतर है, उसको कैसे संतुलित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित करेगी। उन्होंने कहा कि यह कमेटी टयूशन फीस, बिल्डिंग फंड या हास्टल फीस या अन्य शुल्क जो अलग अलग लिए जा रहे हैं, उनको वह देखेगी। कमेटी यह भी देखेगी कि स्टेट कोटा क्यों कम किया गया है और इसको लेकर कोई कानूनी अड़चन होगी तो उसका भी पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को रिफंड क्यों नहीं मिल रहा है, कमेटी य़ह भी देखेगी, ताकि छात्रों का शोषण न हो. शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक अहम विषय है कि जहां पर मेडिकल यूनिवर्सिटी बनी है, वहां पर साइट वहां पर प्रोपर जियोलाजिकल सर्वे हो ताकि आने वाले समय में कोई अप्रिय घटना न हो. इसको भी देखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधायक इंद्रदत्त लखनपाल में काला अंब में संस्थान में अनियमितता की बात लाई है, उसकी जांच की जाएगी और उस पर भी कार्रवाई होगी।
इससे पहले राजेश धर्माणी ने कहा कि निजी आर्युवेदिक मेडिकल कालेज में छात्रों से मनमानी फीस व अन्य शुल्कों का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि छात्रों से हास्टल व मैस शुल्क भी मनमाने तरीके से वसूले जा रहे हैं और बच्चों को इसके अनुरुप खाना नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों में हर साल 10 फीसदी बढोतरी की जाती है। विधायक इंद्रदत लखनपाल ने काला अंब में एक निजी संस्थान में जेएनएम की बच्चों का मामला उठाया।