शिमला, 09 जनवरी। हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रिमण्डल में विक्रमादित्य सिंह के नाम सबसे युवा मंत्री बनने का रिकार्ड बन गया है। विक्रमादित्य सिंह 33 वर्ष की आयु में मंत्री बने हैं। उन्हें हिमाचल प्रदेश के सबसे युवा मंत्री होने का गौरव हासिल हुआ है। विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। पिछली विधानसभा में वह सबसे युवा विधायक थे। उनके पिता दिवंगत वीरभद्र सिंह छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनकी माता प्रतिभा सिंह सांसद के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और उनकी अगुवाई में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव लड़ा था।
पिछले कल मंत्रीपद की शपथ लेने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को राज्य सचिवालय में कार्यभार संभाल लिया है। विक्रमादित्य सिंह ढोल नगाड़ों के साथ सचिवालय पहुंचे और पूजा अर्चना के बाद कुर्सी पर विराजमान हुए।
इस अवसर पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज उनके लिए भावनात्मक पल है क्योंकि इसी सचिवालय से उनके पिता ने छह बार मुख्य्मंत्री के तौर पर प्रदेश की जनता की सेवा की है और अब उन्हे भी मंत्री के तौर पर लोगों की सेवा का मौका है।
विक्रमादित्य सिंह ने नई जिम्मेदारी के लिए पार्टी हाईकमान और सुखविंदर सिंह सुक्खू का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार में जो भी भूमिका मिली है उसको बखूबी निभाने का प्रयास किया जाएगा और प्रदेश के हर जिले का समान विकास उनकी प्राथमिकता रहेगी।
उन्होंने कहा कि उन्हें विशेष पोर्टफोलियो की लालसा नहीं है। पार्टी हाईकमान और मुख्यमंत्री जिस भी विभाग की जिम्मेदारी सौंपेंगे उसे बखूबी निभाया जाएगा और जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरने का प्रयास किया जाएगा।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कोई भी छोटा और बड़ा नहीं होता। सभी विभाग महत्वपूर्ण होते हैं। व्यक्ति में कार्य करने की क्षमता होना जरूरी है।