शिमला, 26 दिसम्बर। पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा के कथित उत्पीड़न से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा आदेश आया है। हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार को डीजीपी संजय कुंडू, कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को बदलने के फरमान दिए हैं। दोनों वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को किसी अन्य पद पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया, ताकि वे पुलिस जांच को प्रभावित न कर पाएं।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की डबल बेंच ने कारोबारी द्वारा दायर एक शिकायत से संबंधित मामले में 17 पेज का आदेश जारी किया है। आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वे दोनों पक्षों के दावों की योग्यता पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं क्योंकि मामले की जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है।
कोर्ट ने सचिव (गृह) को निर्देश दिया कि डीजीपी और कांगड़ा की एसपी को स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दर्ज एफआईआर में निष्पक्ष जांच हो।
कोर्ट ने कहा कि न्याय के हित और जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करने और इस सिद्धांत को भी ध्यान में रखते हुए कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए बल्कि न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए।
दरअसल कारोबारी निशांत शर्मा ने हाईकोर्ट को भेजे मेल में कहा था कि उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है क्योंकि उन पर हरियाणा के गुरुग्राम के साथ-साथ मैक्लोडगंज में भी हमला हुआ है।
निशांत शर्मा ने इस आधार पर कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी कि उसे प्रभावशाली लोगों से सुरक्षा की जरूरत है। कोर्ट ने अपने पहले आदेश में इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कांगड़ा और शिमला जिलों के एसपी से रिपोर्ट मांगी थी।
यह मामला सुर्खियों में इसलिए आया क्योंकि डीजीपी संजय कुंडू ने निशांत शर्मा के खिलाफ शिकायत में उनका नाम घसीटकर उन्हें बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।