रांची, 04 फरवरी। झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन के विधायकों को चंपाई सोरेन सरकार के कल होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले हैदराबाद से रांची ले जाया जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी बीजेपी की ओर से ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाए जाने की आशंका के चलते विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया था।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन के शुक्रवार को शपथ लेने के बाद ही सत्ता पक्ष के विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया था। खराब मौसम के कारण गुरुवार की रात में उन्हें हैदराबाद नहीं भेजा जा सका था।
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 47 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 41 है। फिलहाल 43 विधायक चंपाई सोरेन का समर्थन कर रहे हैं।
बीजेपी के पास 25 विधायक हैं और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), यानी आजसू के पास तीन विधायक हैं। एनसीपी और एक वामपंथी दल के पास एक-एक विधायक है और तीन निर्दलीय विधायक हैं।
सत्ता पक्ष के पास बहुमत से चंद विधायक ही अधिक होने जेएमएम की चिंता बढ़ गई है। हालांकि बुधवार की शाम को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले सत्ता पक्ष के नेता इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है।
चंपाई सोरेन ने कहा, “हमने अपने समर्थन में 43 विधायकों के साथ रिपोर्ट (राज्यपाल को) सौंप दी है. हमें उम्मीद है कि संख्या 46-47 तक पहुंच जाएगी… इसलिए कोई समस्या नहीं है. हमारा ‘गठबंधन’ बहुत मजबूत है.”