शिमला, 08 फरवरी। हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर चुनाव 27 फरवरी को होगा।विधानसभा के सचिव एवं चुनाव के रिटर्निंग अफसर यशपाल शर्मा ने राज्यसभा सीट के लिए गुरूवार को अधिसूचना जारी की। इसी के साथ ही नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 15 फरवरी तक जारी रहेगी। 16 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नाम वापिस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी है। मतदान 27 फरवरी को प्रात: 9 बजे से सायं 4 बजे तक होगा तथा मतगणना शाम 5 बजे होगी। निर्वाचनों की समस्त प्रक्रिया की सम्पन्नता की तिथि 29 फरवरी निर्धारित है।
फिलहाल यह सीट भाजपा के जगत प्रकाश नड्डा के पास है, जिनका कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है। हिमाचल विधानसभा के आंकड़ों को देखते हुए इस बार इस सीट पर कांग्रेस कब्ज़ा जमाएगी।
दरअसल 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास 25 विधायक हैं। इसके अलावा 3 निर्दलीय विधायक हैं।
सोनिया या प्रियंका को उतार सकती है कांग्रेस
कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व हिमाचल की एक सीट पर सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी को भेजने पर विचार कर रही है। इसे लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की बीते दिनों नई दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा हुई है।
कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि सोनिया गांधी और प्रियंका के नाम इस लिस्ट में सबसे आगे चल रहा है। पार्टी राजनीतिक समीकरण के आधार पर तय करने की कवायद में जुटी है कि सोनिया गांधी को हिमाचल प्रदेश से उम्मीदवार बनाया जाए या फिर राजस्थान से। चुंकि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पूरी कमान प्रियंका गांधी के पास थी। प्रदेश विधान सभा चुनाव में उन्होंने प्रखर और अग्रणी भूमिका निभाई है। जन संवाद से लेकर बड़ी रैलियां में वह व्यक्तिगत रूप में शामिल रही हैं। प्रियंका गांधी का शिमला के समीप छराबड़ा में अपना आशियाना भी है। इन्हें भुनाने के लिए प्रियंका को हिमाचल से उम्मीदवार बनाने पर मंथन चल रहा है। सोनिया व प्रियंका के राज्यसभा में न जाने की सूरत में हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह, कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री विप्लव ठाकुर और आशा कुमारी में से किसी एक को पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है। ऐसे में भाजपा की तरफ से किसी के लिए राज्यसभा का दरवाजा खुलना मुमकिन नहीं होगा।