शिमला, 20 फरवरी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा बीते शनिवार को वितीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत बजट पर सदन में मंगलवार को भी चर्चा जारी रही। सतापक्ष के विधायकों ने जहां बजट की तारीफ की, वहीं विपक्षी भाजपा के विधायकों ने चर्चा के दौरान गारंटियों के मुददे पर प्रदेश सरकार की घेराबंदी की।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि यह बजट प्रदेश को नई दिशा देने देने वाला है। उन्होंने कहा बजट में सरकार का फोकस प्रदेश को आगे बढ़ाने पर है। कृषि मंत्री ने कहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमित संसाधन होते हुए भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की गई है। उन्होंने खेद जताया कि आपदा के समय में प्रदेश को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन केंद्र से प्रदेश को कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने स्तर पर 4500 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज जारी कर लोगों को राहत देने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती का मॉडल तैयार किया जाएगा। किसानों से तीन रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खाद खरीदेगी। इसका इस्तेमाल पहले कृषि फार्मों में किया जाएगा और खेती की जाएगी। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान चंद्र कुमार ने पूर्व के सभी मुख्यमंत्रियों के योगदान को याद किया जिनके प्रयासों से प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित किए।
बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर कांग्रेस की दस गारंटियों पर कांग्रेस सरकारी की घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि बजट पूरी तरह से नीरस है और लोगों को गुमराह करने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार के पिछले और इस बजट में कोई खास फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बजट में बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। विपिन परमार ने कहा कि सरकार का पिछला बजट व्यवस्था परिवर्तन पर था और अब आत्मनिर्भर हिमाचल की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि बजट में विधायक निधि 10 लाख रुपए बढ़ाने की बात कही गई है। लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि एक किस्त तो सरकार ने खत्म ही कर दी है।
तकनीकी शिक्षा व टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट में हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने का रोडमैप है और इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना जरूरी है। प्रदेश सरकार द्वारा 50 स्कूल चिन्हित कर इंस्टीज्यूशन आॅफ एक्सीलेंस का दर्जा देने का निर्णय सराहनीय है। इन संस्थानों में विशेष सुविधा दी जाएगी और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की कवायद में गग्गल एयरपोर्ट का विस्तारीकरण क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हाईवे टूरिज्म की तरफ कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को सशक्त करना जरूरी है और इस और भी कदम उठाने चाहिए।
भाजपा के डाॅक्टर जनक राज ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की खस्ता हालत पर प्रदेश सरकार की घेराबंदी की और कहा कि प्रदेश सरकार घोषणाओं तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पुराने बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने का उल्लेख किया था, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं उतरा है। अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी, पैटस्कैन सुविधा व ट्रामा सेंटर की घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। इसी तरह आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों को खोलने की घोषणा पर भी कुछ नहीं किया गया। जनक राज ने कहा कि प्रदेश सरकार कमेटियों का गठन कर कार्यों को लटकाने का काम कर रही है और डाॅक्टरों की एनपीए की मांग पर भी कमेटी का गठन इसी मकसद से किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र पांगी में स्वास्थ्य कर्मियों के 70 फीसदी से अधिक पद खाली हैं और पांगी के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए चंबा, टांडा और शिमला का रूख करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से दूरदराज क्षेत्रों में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के हितों का ध्यान रखने में विफल रही है।
कांग्रेस के राजेंद्र राणा ने चर्चा में भाग लेते हुए हिमाचल प्रदेश की माली हालत को सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन क्षेत्र पर बहुत काम करने की जरूरत है। उन्होंने शिमला सहित अन्य पर्यटन स्थलों में पर्यटन के नए डैस्टिनेशन विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के पलायन को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों को प्रदेश में लाने के लिए काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शहरों में अनपलानड कंस्टकशन हुई है और सरकार को नए टाउनशिप की ओर जाना चाहिए। नए नगरों को बसाने की दिशा में काम करने की जरूरत है। विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाना सराहनीय है। राजेंद्र राणा ने स्वास्थ्य विभाग में उठाए गए कदमों की प्रशंसा की है। उन्होंने बजट में हमीरपुर में 100 करोड़ से कैंसर रोकथाम संस्थान की स्थापना की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हर चुनाव क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य संस्थान होना जरूरी है और इसे लेकर बजट में घोषणा भी की गई है। राजेेंद्र राणा ने बजट में कामगारों के मानदेय और विधायक एच्छिक निधि की राशि में बढ़ौतरी का भी स्वागत किया। उन्होंने सुखाश्रय योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इससे अनाथ बच्चों का कल्याण सुनिश्चित होगा और इसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि बजट में लंबे समय बाद पुलिस की डाइट मनी में बढ़ौतरी होना भी प्रशंसनीय है। उन्होंने खिलाड़ियों के पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्वक बढ़ौतरी का भी स्वागत किया। उन्होंने प्रदेश सरकार ने आग्रह किया कि जोओए आईटी अभ्यर्थियों को कंडीशल नियुक्तियां दी जाएं। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से आए आदेशों का भी हवाल दिया।
भाजपा के त्रिलोक जंबाल ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने गारंटियों के नाम पर लोगों को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 1500 रूपये देने के नाम पर नारी शक्ति से छल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि लाहौलस्पीति की महिलाओं को 1500 रूपये की घोषणा के बावजूद भी यह राशि नहीं मिल रही। उन्होंने प्रदेश सरकार की रोजगार गारंटी पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने की गारंटी को पूरा करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा में पात्रों को मुआवजा नहीं मिल पाया है। प्रदेश सरकार के कार्यकाल में उद्योग पलायन कर रहे हैं। पुलिस के पहरे में अलीखड्ड का टैंक बन रहा है। इस टैंक के बनने से बिलासपुर सदर की 31 स्कीमें बंद हो जाएंगी और 25 ग्राम पंचायतों को पानी नहीं मिलेगा। उन्होंने बजट को आंकड़ों का मायाजाल करार दिया। उन्होंने बजट में विधायक क्षेत्र निधि में बढ़ौतरी को भी नाकाफी बताया।
कांग्रेस सदस्य कुलदीप सिंह राठौर ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए बजट को सर्वहितकारी करार दिया और कहा कि इसमें सभी वर्गों को कुछ न कुछ दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों बागवानों के लिए बड़ी सौगात सरकार लाई है। युनिवर्सल कार्टन की वर्षों पुरानी मांग को सरकार ने बजट में पूरा किया है। उन्होेंने बजट में आदर्श नशा निवारण केंद्र स्थापित करने की घोषणा की तारीफ की। कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि गत वर्ष आई आपदा से हिमाचल प्रदेश एक दशक पीछे चला गया और ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा गया। कई जगह सड़कें टूटीं, पुल बहे और मकान ढहे। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का आंकलन विषम परिस्थितियों में होता है और आपदा के विषम हालाता में सरकार ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा आपदा में हिमाचल को मिली मदद को उंट के मूंह में जीरा के समान बताते हुए प्रदेश सरकार से इस पर श्वेतपत्र लाने की मांग की।
भाजपा के बलबीर वर्मा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने दोनों बजटों में हिमाचल की जनता को ठगने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में कुछ भी नया नहीं है। सरकार ने 10 गारंटियों के नाम पर प्रदेश की जनता को छलने का काम किया है और भाजपा इसे लेकर लोगों केा जागरूक करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने उनके चुनावी हल्के चैेपाल में कई स्वास्थ्य संस्थानों को बंद किया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में चैपाल हल्के के स्वास्थ्य संस्थानों में 62 डाॅक्टर थे, जो अब 32 रह गए हैं।
कांग्रेस सदस्य व मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि इस बजट में प्रदेश की ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने और हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और कृषि कोे आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए डिजिटलाइजेशन किया गया। पहली बार दूध के खरीद मूल्य में बढ़ौतरी की गई। बजट में सौर उर्जा के क्षेत्र में अहम घोषणाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष राजनीतिक मजबूरी के चलते इस बजट का विरोध कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है और बजट पर चर्चा के दौरान अन्य मुददों को सदन मेें उठा रहा है। विवादित अलीखडड पेयजल योजना पर संजय अवस्थी ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में इस पेयजल योजना को तकनीकी मंजूरी मिली थी और वर्तमान सरकार ने इस कार्य को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र का पानी इस योजना के तह लिफट हो रहा और यह पेयजल योजना अर्की के राजस्व रिकार्ड में है।
भाजपा के दीपराज ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रदेश सरकार की स्टार्ट अप योजना पर सवाल खड़े किए। उन्होंने प्रदेश में शिक्षा की स्थिति को भी खस्ता बताया। दीपराज ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र करसोग में 105 स्कूलों में एक-एक शिक्षक ही नियुक्त है और इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक साल में करसोग में कई संस्थान बंद कर दिए गए। करसोग के कई अस्पतालों में डाॅक्टरों के पद रिक्त हैं।