शिमला, 06 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में कर्ज को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष आमने-सामने हैं। विपक्ष लगातार कर्ज को लेकर सुखविंदर सरकार पर हमलावर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा है कि जो विपक्ष कर्ज को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है, उस विपक्ष को याद रखना चाहिए कि जयराम सरकार द्वारा लिए कर्ज को चुकाने के लिए ही वर्तमान सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के ऊपर 75000 करोड के कर्ज के अलावा कर्मचारियों का छटा पे कमीशन का एरियर, डीए की देनदारियों को मिलाकर बात करें तो 91 हजार करोड़ का कर्ज चढ़ गया है। जयराम सरकार ने सिर्फ कर्मचारियों के लिए घोषणाएं की लेकिन उनको न तो डीए दिया ना ही छठा वेतन आयोग लागू किया।
एक सवाल के जवाब में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को फिलहाल निलंबित किया गया है, क्योंकि आयोग में पेपर को लेकर अनियमितताएं बरती गई। यहाँ तक कि जिनके परिणाम आने हैं उन परीक्षाओं के पेपर भी लीक हुए हैं। जोकि नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हजारों युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया। सरकार पूरी गहन जांच के बाद निर्णय लेगी की आयोग का क्या करना है। ये भविष्य के गर्भ में हैं।
सीमेंट विवाद को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक कर हिमाचल के हितों को सर्वोपरि मानते हुए अडानी समूह व ट्रांसपोर्टर के साथ बातचीत की है उम्मीद है जल्द ही हल निकल आएगा। मामले को उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान देख रहे हैं।