शिमला, 06 फरवरी । अमरीकी शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस पार्टी ने उद्योगपति गौतम अडानी की घेराबंदी शुरू कर दी है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर कांग्रेस इस मुद्दे पर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन कर रही है। इस कड़ी में कांग्रेस ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। शिमला में कांग्रेस ने एसबीआई की मुख्य ब्रांच के बाहर धरना प्रदर्शन किया और अडानी व केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कांग्रेस नेताओं ने अडानी समूह पर सैंकड़ो हजार करोड़ की सार्वजनिक राशि व खातों में घोटाले व गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसकी जांच सयुंक्त संसदीय समिति या भारत के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में करवाने की मांग की।
शिमला में हुए प्रदर्शन का नेतृत्व जिला शिमला शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी व ग्रामीण के अध्यक्ष अतुल शर्मा ने सयुंक्त तौर पर किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान भी मौजूद रहे।
इस दौरान व्यक्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिये देश के लोगों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डाल रही हैं। उन्होंने कहा कि अडानी समूह ने एलआईसी व भारतीय बैंकों ने हजारों करोड़ का निवेश किया हुआ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार इस मामले में सदन से किसी भी चर्चा से भाग रही है। विपक्ष को बोलने नही दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी में लोगों का लाखों करोड़ आज डूबने के कगार पर है। यह बहुत बड़ा स्कैम है। कांग्रेस सदन से लेकर सड़क तक इसके खिलाफ आवाज उठा रही है और जेपीसी बिठाकर सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग कर रही है। भाजपा सरकार इसकी जांच क्यों नही करा रही यह स्पष्ट किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विरोधी नेताओं के खिलाफ तो ईडी सीबीआई और इनकम टैक्स पीछे लगा देती है आज यह एजेंसियां कहां है।