शिमला, 21 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग की ओर से वाहनों के स्पेशल वीआईपी नंबर की ई-नीलामी में दोपहिया वाहन स्कूटी के नंबर एचपी99-9999 के लिए 1.12 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाकर देश-प्रदेश में चर्चा में आए देशराज नामक शख्स ने निर्धारित तीन दिनों में 30 प्रतिशत राशि जमा नहीं करवाई है। अधिकतम बोली लगाने वाले देशराज को सोमवार रात 12 बजे तक 30 प्रतिशत पंजीकरण फीस जमा करवाना अनिवार्य था। लेकिन उसने इसे जमा नहीं करवाया।
हिमाचल परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने मंगलवार की सुबह बताया कि शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र के वीआईपी नंबर की नीलामी के बाद 1.12 करोड़ की बोली लगाने वाले व्यक्ति की 30 फीसदी राशि जमा करवाने की मियाद खत्म हो गई है। लेकिन उसने कोई भी पैसा जमा नहीं करवाया है।
इस बीच परिवहन विभाग ने दूसरे बोलीदाता संजय को मौका देते हुए रकम जमा करवाने के लिए अगले तीन दिन का समय दिया है। खास बात यह है कि संजय ने उक्त नंबर को हासिल करने के लिए 1.11 करोड़ की बोली लगाई है। अगर तीन दिनों के भीतर यह भी पंजीकरण फीस जमा नहीं करवाता है, तो फिर तीसरे नंबर के बोलीदाता धर्मवीर को ये नंबर खरीदने का मौका मिलेगा। इसके लिए धर्मवीर को 1.05 करोड़ रूपये चुकाने होंगे। अगर इन दोनों में से कोई भी नंबर नहीं खरीदता हैं, तो फिर इस नंबर के लिए दोबारा से नीलामी होगी।
प्रदेश सरकार दे चुकी है कार्रवाई के संकेत, साईबर पुलिस दर्ज कर सकती है मामला
करोड़ों रुपए की बोली लगाने के बाद पीछे हटने वाले बोलीदाता के खिलाफ हिमाचल परिवहन विभाग कार्रवाई कर सकता है। दरअसल हिमाचल सरकार ने वाहनों के नंबरों की नीलामी प्रक्रिया के दौरान सरकार तंत्र के दुरुपयोग को लेकर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। परिवहन विभाग का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने परिवहन निदेशक को निर्देश दिए हैं कि रकम जमा नहीं करवाने वाले बोलीदाताओं के खिलाफ सरकार तंत्र के दुरुपयोग को लेकर मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने विभाग को ये भी निर्देश दिए हैं कि पहले स्थानीय एसडीएम को जांच सौंपी जाए और फिर साईबर पुलिस के पास मामला भेजा जाए। उपमुख्यमंत्री के अनुसार परिवहन विभाग ऑनलाइन बोली के नियमों में बदलाव कर एसओपी भी बनाएगी। दरअसल परिवहन विभाग में फिलहाल ऐसा कोई नियम हीं नहीं है, जिसके तहत नीलामी प्रक्रिया से हटने वाले पर कार्रवाई की जा सके।
गौर हो कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि स्कूटी के वीआईपी नंबर के लिए तीन बोलीदाताओं ने एक करोड़ से ज्यादा की बोली लगाई है। 70 हजार से एक लाख की स्कूटी के वीआईपी नंबर के लिए अप्रत्याशित बोली लगने के मामले ने मुख्यमंत्री को भी हैरान कर दिया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में परिवहन विभाग से पूरा ब्यौरा तलब किया था। इसके अलावा इस मामले पर इनकम टैक्स और अन्य एजेंसियों की नजर भी टिक गई है।