शिमला, 28 मई। राजधानी शिमला से लापता 17 वर्षीय नाबालिग अभिषेक की संदिग्ध मौत मामले में रविवार को कसुम्पटी चौकी प्रभारी और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया। अभिषेक का शव शनिवार को पुलिस चौकी से महज कुछ फासले पर पेड़ से लटका मिलने से सनसनी फैल गई थी। इस घटना के विरोध में मृतक के परिजनों सहित लोगों ने देर रात एसपी दफ्तर के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे को सुनियोजित तरीके से मौत के घाट उतारा गया है और पुलिस इस मामले में गम्भीरता से काम नहीं कर रही है।
परिजनों के मुताबिक अभिषेक की हत्या हुई है। मृतक नाबालिग के दादा ने कहा कि जिन लोगों पर हत्या का शक था, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, हंगामा बढ़ता देख एसपी शिमला संजीव गांधी भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाकर शांत किया।
एसआईटी गठित, एक हफ्ते के अंदर देंगे रिपोर्ट
एसपी शिमला ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई। एक सप्ताह के भीतर मामले की जांच रिपोर्ट मांगी गई है। एसपी शिमला खुद पूरे मामले की जांच पर नजर रखेंगे। एएसपी सुनील नेगी पूरे मामले की जांच करेंगे। इस जांच में साइबर सेल के अधिकारियाें काे भी शामिल किया जाएगा। मृतक के माेबाइल रिकाॅर्ड और लोकेशन का भी पूरा डाटा लिया जाएगा। साथ ही पुलिस पोस्टमार्टम रिपाेर्ट का भी इंतजार कर रही है।
28 दिन से लापता था युवक
बता दें कि शहर से पिछले 28 दिन से लापता युवक का शव कसुम्पटी पुलिस स्टेशन के साथ लटका था परिजनों ने इसे मर्डर करार दिया है। परिजनों का कहना है कि युवक की हत्या कर उसे लटकाया गया है। युवक अभिषेक पुत्र वीर सिंह निवासी बाली कोटी, तहसील शिलाई, जिला सिरमौर पिछले 29 अप्रैल से लापता था। युवक शिमला में रह रहा था और संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक गायब हो गया। पुलिस ने भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर इसकी तलाश शुरू की। पुलिस के अनुसार युवक को आखिरी बार 29 अप्रैल की सुबह साढ़े 9 बजे रानी ग्राउंड, कसुम्पटी के पास देखा गया था। उसके बाद युवक को किसी ने नहीं देखा। ऐसे में परिजनों का आरोप है कि इसे मारकर पेड़ से लटकाया गया।