शिमला, 29 अक्तूबर । राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह का आयोजन 30 अक्तूबर से 1 नवम्बर तक शिमला के गेयटी थियेटर में होगा। इस समारोह में लोक संस्कृति के रंग बिखरेंगे और पर्यटकों को यहां की लोकसंस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ पंकज ललित ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 30 अक्तूबर से 1 नवम्बर तक पारम्परिक वाद्ययंत्रों तथा सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुति का आयोजन करवाया जाएगा। 30 अक्तूबर को चोल्टू नृत्य (शिमला), पारम्परिक लोक वाद्य दल (शिमला), मुसादा गायन (चम्बा), चुराही लोकनृत्य (चम्बा), करयाला लोकनाटय (शिमला), नागरी लोकनृत्य (मण्डी), हासल लोक गायन (शिमला/सिरमौर), 31 अक्तूबर को बुड़ियाच लोकनृत्य (शिमला), पारम्परिक लोक वाद्य दल (सिरमौर), गडूदी लोकनृत्य (कांगडा), मोडणा/गंगी (बिलासपुर), झूरी लोक गायन (शिमला), मुसादा गायन (चम्बा), भर्तृहरि लोक गायन (शिमला/सिरमौर), लोक नाट्य भगत (कांगड़ा), पारम्परिक लोक वाद्य दल (मण्डी) तथा 1 नवम्बर को ठोडा लोक नृत्य (शिमला), करयाला थ स्थांग (शिमला), मुसादा गायन (चम्बा), बुड़ियाच लोकनृत्य (शिमला), झूरी लोक गायन (शिमला), पारम्परिक लोक वाद्य दल(मण्डी), लोक रामायण / भर्तृहरि लोक गायन (शिमला सिरमौर) की प्रस्तुति करवाई जा रही है जिसमें पूरे प्रदेश भर की लोक संस्कृति की झलक दिखाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि 31 नवम्बर को प्रातः 11:30 बजे गेयटी थियेटर के सम्मेलन कक्ष में लेखक गोष्ठी होगी जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सचिव, विधान सभा, हिमाचल प्रदेश यशपाल शर्मा उपस्थित रहेगें। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री विद्यानांद सरैक द्वारा की जाएगी। डॉ०ओ.पी. शर्मा ” पहाडी भाषा की संवर्धक हिमाचली बोलियों” विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद प्रदेश भर से लगभग दो दर्जन से ऊपर के पहाड़ी भाषी आमन्त्रित विद्वानों और समीक्षकों द्वारा शोध पत्र पर परिचर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 1 नवम्बर को राज्य स्तरीय पहाड़ी कवि सम्मेलन होगा जिसमें जिला शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे तथा कवि सम्मेलन में प्रदेश भर से लगभग 40-50 पहाड़ी भाषी विद्वान अपनी कविताएं पहाड़ी बोली में प्रस्तुत करेंगे।