शिमला, 29 अक्टूबर । अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ की हिमाचल इकाई प्रदेश सरकार के खिलाफ मुखर हो गई है। संघ के बैनर तले दृष्टिबाधित बेरोजगार शिमला में पिछले चार दिनों से धरने पर बैठे हैं। कालीबाड़ी मंदिर के निकट रेन शेल्टर में यह दृष्टिहीन अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। रविवार को उनके धरने का पांचवां दिन है उनकी मांग है कि सरकारी नौकरी के लिए दृष्टिहीन कोटे में होने वाली भर्ती के लिए बैकलॉग कोटे की त्रुटियाँ को दूर करने की मांग की है।
राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के हिमाचल इकाई के महासचिव देवचंद नेगी ने बताया कि बैकलॉग कोटे में खामियों को दूर करने और कोट के तहत नौकरियों का डाटा इकट्ठा कर एक साथ दृष्टिहीनों को नौकरी दी जाए जिसके लिए सरकार रोजगार मेला लगाए। उन्होंने कहा कि दृष्टिहीनों के लिए बनाए गए विशेष स्कूलों में दृष्टिहीन लोग बेहद मुश्किलों के बाद अपनी पढ़ाई पूरी कर पाते हैं। बावजूद इसके इन्हें नौकरियों के लिए भटकना पड़ता है। इनका कहना है कि अपनी मांगों को लेकर वह 25 अक्टूबर से शिमला में धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुध नहीं के रही है। लेकिन इसके बावजूद वह अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक उनकी मांगों को अंतिम स्वरूप नहीं दिया जाता, तब तक उनका धरना जारी रहे। उनका कहना है कि आने वाले समय में यदि जरूरत हुई तो राज्य सचिवालय के बाहर प्रदेश भर से दृष्टिहीन प्रदर्शन के लिए पहुंचेंगे।