कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा, सीएम सुक्खू का नाम लिए बिना लगाए आरोप

शिमला, 28 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में सियासी उठा-पटक के बीच सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। आज सुबह उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट से इस्तीफा देने की घोषणा की।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि चुनाव में वीरभद्र सिंह (विक्रमादित्य के पिता) के नाम पर चुनाव लड़ा गया। मतदान से एक दिन पूर्व भी उनके नाम का विज्ञापन छपा। उन्होंने कहा कि विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश की गई। उन्होने कहा कि हम क्रिटिकल जंक्शन पर हैं। युवा व नौजवान साथियों ने सरकार बनाने में सहयोग दिया। पार्टी हाई कमान ने जिम्मेदारी दी। क्या हमने उनके वायदों को पूरा नहीं किया? उन्होंने कहा कि समय पर वादा पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। जिस तरह का घटनाक्रम चल रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहा कि हमने सरकार का मजबूती के साथ साथ दिया। लेकिन दुख की बात है कि मुझे प्रताड़ित किया गया।

जनता का किया आभार प्रकट
उन्होने कहा कि हमारी आवाज और अस्तित्व को दबाने का प्रयास किया गया है जो बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं भारी मन से कह रहा हूं कि जिसका नाम लेकर सरकार बनी, उनकी मूर्ति के लिए दो गज की जमीन भी नहीं मिली। उन्होनें अपने पिता की तुलना मुगल सम्राट बहादुर शाह से की। विक्रमादित्य ने कहा कि बीते दिन भी हम हाई कमान के विश्वास पर खरे उतरे थे। इसके बाद विक्रमादित्य ने मंत्री पद से इस्तीफा की घोषणा की। उन्होंने जनता का आभार किया और कहा कि आप सभी के सहयोग से आगे बढ़ूंगा

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